एम के स्टालिन को द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) का नया अध्यक्ष चुन लिया गया है. मंगलवार को चेन्नई में पार्टी की हुई महत्वपूर्ण बैठक में इसकी घोषणा की गई. अध्यक्ष बनने से पहले स्टालिन जनवरी 2017 से डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष थे. इसके अलावा वो पार्टी के कोषाध्यक्ष भी थे.
यह पद उनके पिता और तमिलनाडु के 5 बार मुख्यमंत्री रहे एम करुणानिधि के इसी महीने निधन हो जाने से खाली हुआ था. एम करुणानिधि बीते 49 वर्षों से डीएमके के अध्यक्ष रहे थे.
करुणानिधि ने साल 2016 में स्टालिन को अपना वारिस घोषित कर दिया था. उस वक्त उन्होंने यह स्पष्ट किया था कि इसका मतलब यह नहीं है वो खुद संन्यास लेंगे. उन्होंने कहा था कि यह कार्यकर्ताओं को संदेश है कि पार्टी का उत्तराधिकारी मौजूद है.
कौन हैं एम के स्टालिन?
65 साल के एम के स्टालिन का पूरा नाम मुथुवेल करुणानिधि स्टालिन है. वो तमिलनाडु और देश के प्रमुख राजनीतिज्ञ रहे एम करुणानिधि के तीसरे बेटे हैं.
स्टालिन के इस नाम के पीछे रोचक कहानी है. 1953 में जब वो पैदा हुए थे उसके 4 दिन पहले सोवियत कम्युनिस्ट जोसेफ स्टालिन का निधन हुआ था. उनके पिता एम करुणानिधि तब एक उभरते हुए नेता थे. वो स्टालिन के लिए आयोजित एक शोकसभा में शामिल थे जब उन्हें इसकी जानकारी दी गई कि उनके घर बेटे का जन्म हुआ है. उन्होंने निर्णय लिया कि वो सम्मानवश अपने इस बेटे का नाम स्टालिन के नाम पर रखेंगे. इस तरह स्टालिन का नामकरण हुआ.
स्टालिन ने चेन्नई में मद्रास विश्वविद्यालय के नंदनम आर्ट्स कॉलेज से इतिहास विषय में ग्रैजुएशन की है. 1975 के आपातकाल में स्टालिन को जेल जाना पड़ा था. मीसा के तहत उन्हें जेल में बंद किया गया था.
2006 में तमिलनाडु विधानसभा चुनावों के बाद बनी डीएमके सरकार में वो ग्रामीण विकास और स्थानीय प्रशासन मंत्री बने. बाद में मई 2009 में वो राज्य के उपमुख्यमंत्री बनाए गए थे.
मंत्री बनने से पहले स्टालिन ने 1996 में चेन्नई के मेयर के रूप में काम किया.
राजनीति के साथ-साथ स्टालिन ने फिल्मों में भी अपनी किस्मत आजमाई थी. 1980 के दशक के दौरान उन्होंने कुछ तमिल फिल्मों में काम किया. इसके अलावा 90 के दशक के मध्य में उन्होंने सन टीवी के टेलीविजन धारावाहिकों में भी एक्टिंग की.