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सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में 20 जुलाई को होगी चर्चा

संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि सरकार अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने को तैयार है और दूध का दूध-पानी का पानी हो जाएगा. हम निश्चत तौर पर विजयी होंगे

Bhasha

लोकसभा में विपक्ष की ओर से नरेंद्र मोदी नीत NDA सरकार के खिलाफ पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव पर 20 जुलाई को चर्चा और मत विभाजन होगा.

लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा, 'अविश्वास प्रस्ताव पर 20 जुलाई (शुक्रवार) को चर्चा और मत विभाजन होगा. इस पर पूरे दिन चर्चा होगी और उसी दिन वोटिंग होगी.' सदस्यों की ओर से चर्चा के लिए कुछ और समय बढ़ाने की मांग पर स्पीकर ने कहा कि सात घंटे का समय चर्चा के लिए रखा गया है. इस दिन प्रश्नकाल नहीं चलेगा और गैर-सरकारी कामकाज नहीं होगा. सिर्फ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होगी.


इससे पहले लोकसभा में बुधवार को मोदी सरकार के खिलाफ पेश अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस स्वीकार हो गया. हालांकि सदन में तृणमूल कांग्रेस के दिनेश त्रिवेदी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में हम 21 जुलाई को शहीद दिवस मनाते हैं और उसके आयोजन की वजह से 20 जुलाई को तृणमूल का एक भी सांसद सदन में नहीं रहेगा. इसलिए शुक्रवार की जगह चर्चा सोमवार को कराई जाए.

संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि विपक्ष को अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के बाद किसी भी क्षण चर्चा के लिए तैयार रहना चाहिए. अविश्वास प्रस्ताव महत्वपूर्ण है और सदस्यों को अन्य कोई भी कार्यक्रम छोड़कर उसमें भाग लेना चाहिए. लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि सदस्य शुक्रवार को चर्चा में भाग लेकर भी लौट सकते हैं. उन्होंने कहा कि इस विषय पर अभी चर्चा नहीं हो सकती. वह व्यवस्था दे चुकी हैं. मांग नहीं माने जाने पर तृणमूल के त्रिवेदी और सौगत राय ने सदन से वॉकआउट किया.

नोटिस को सदन के समक्ष रख रही हैं

सदन में प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस देने वाले सभी सदस्यों का उल्लेख किया और TDP के एस केसीनेनी को अविश्वास प्रस्ताव पेश करने को कहा.

उल्लेखनीय है कि TDP आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के प्रावधानों को पूर्ण रूप से लागू करने और आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने की मांग को लेकर NDA गठबंधन से अलग हो गई थी.

अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने एस केसीनेनी, तारिक अनवर, मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कुछ अन्य सदस्यों के अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस को स्वीकार किया है और अब वह इस नोटिस को सदन के समक्ष रख रही हैं.

अध्यक्ष ने उन सदस्यों से खड़े होने का आग्रह किया जो अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस के पक्ष में हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे सदस्यों की संख्या 50 से अधिक है, इसलिये यह प्रस्ताव सदन में स्वीकार होता है. इससे पहले स्पीकर ने शून्यकाल में कहा था वह चर्चा के लिए तिथि और समय की जानकारी 2..3 दिनों में देंगी.

संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि सरकार अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने को तैयार है और दूध का दूध-पानी का पानी हो जाएगा. हम निश्चत तौर पर विजयी होंगे.

TDP सदस्यों ने बजट सत्र के दौरान भी अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था लेकिन अध्यक्ष ने सदन में व्यवस्था नहीं होने का हवाला देते हुए उसे अस्वीकार कर दिया था.

उधर कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा कि हमने पहले अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था और हम बड़ी पार्टी थे, इसलिए इसे रखने का मौका हमें दिया जाना चाहिए था.

इस पर स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा कि हमने नियमों के तहत काम किया है. जिन जिन सदस्यों ने नोटिस दिया था, उन सभी का उल्लेख किया और जिसने सबसे पहले रखा था, उन्हें प्रस्ताव रखने का मौका दिया.

उन्होंने कहा कि 'अब किसी ने भी प्रस्ताव रखा, तो रख दिया. यह सब नियमों के तहत ही हुआ.'