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दिनाकरन रिश्वत कांड: देश में एक बार फिर से हवाला कारोबार गुलजार

दिल्ली का दिल्ली-6 एरिया एक बार फिर से हवाला कारोबारियों से गुलजार हो गया है

Ravishankar Singh

नोटबंदी के बाद से देश में खासकर दिल्ली में एक बार फिर से हवाला कारोबार में तेजी आ गई है. दिल्ली का दिल्ली-6 एरिया एक बार फिर से हवाला कारोबारियों से गुलजार हो गया है. अवैध कहे जाने वाले इस धंधे में हर वर्ग के लोग शामिल हैं.

राजनीतिक नेताओं से लेकर ब्यूरोक्रेट्स और कारोबारी भी चांदनी चौक की गलियों में जाने से परहेज नहीं करते हैं. दिन के उजाले से लेकर रात के अंधेरे में भी चांदनी चौक इलाका गुलजार रहता है. यह एरिया हवाला कारोबारियों के लिए सबसे ज्यादा मुफीद ठिकाना रहा है.


कैसे पकड़ में आया यह मामला?

ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के नेता टीटीवी दिनाकरन पर चुनाव आयोग के एक अधिकारी को रिश्वत देने की पेशकश का आरोप है. इस रिश्वत कांड में एक हवाला कारोबारी नरेश जैन को गिरफ्तार किया गया है. नरेश जैन को दिल्ली के चांदनी चौक एरिया से ही गिरफ्तार किया गया है.

पिछले दिनों दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एआईएडीएमके के शशिकला खेमे के नेता टीटीवी दिनाकरन और उसके सहयोगी मल्लिकार्जुन को गिरफ्तार किया था. शशिकला के भतीजे दिनाकरन पर पार्टी के सिंबल लेने के लिए चुनाव आयोग के एक अधिकारी को घूस देने का आरोप है.

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम का कहना है कि नरेश जैन ही वह शख्स है जिसने बिचौलिए सुकेश को 10 करोड़ रुपए मुहैया कराया है. दिल्ली पुलिस नरेश जैन को गिरफ्तार कर उसकी पूर्व के कुछ मामलों में संलिप्तता के बारे में भी पूछताछ कर रही है.

50 करोड़ में तय हुआ था सौदा

जयललिता की मौत के बाद तमिलनाडु में सत्ताधारी एआईएएमडीके के दो गुट हो गए हैं. ऐसे में दोनो गुटों ने पार्टी के सिंबल 'दो पत्ती' पर अपना दावा ठोका था. जिसे चुनाव आयोग ने जब्त कर लिया था.

दिल्ली पुलिस का कहना है कि शशिकला के भतीजे दिनाकरन ने चुनाव चिह्न 'दो पत्ती' हासिल करने के मकसद से बिचौलिए सुकेश से 50 करोड़ रुपए में सौदा किया था.

दिनाकरन पर आरोप है कि सुकेश नाम के एक बिचौलिए से पार्टी का सिंबल हासिल करने के लिए 10 करोड़ रुपए की रिश्वत दी गई. दिल्ली में सुकेश को जो 10 करोड़ रुपए दिए गए वह नरेश जैन के माध्यम से दिया गया.

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच दिनाकरन सहित तीन लोगों को पांच दिन की रिमांड पर ले कर पूछताछ कर रही है. पूछताछ में जो बातें सामने आई हैं उससे दिनाकरन की परेशानी और बढ़ सकत है.

दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में कहा है कि दिनाकरन ने मल्लिकार्जुन के जरिए चुनाव आयोग को घूस देने की कोशिश की.

चुनाव आयोग से पार्टी का सिंबल पाने के लिए दिनाकरन ने 50 करोड़ में सौदा तय किया था. समझौते के बाद पहली खेप को तौर पर सुकेश को 10 करोड़ रुपए दिए गए. माना जा रहा है कि यह पैसा चेन्नई को कुछ कारोबारियों का है.

दिल्ली पुलिस ने कोर्ट से कहा था कि उनके पास दिनाकरन और सुकेश के बीच हुई बातचीत का पूरा रिकॉर्डिंग है और इसके मामले की जांच के लिए आरोपियों को चेन्नई, बेंगलुरु और कोच्चि ले जाया जाएगा.

कहां-कहां होता है हवाला का इस्तेमाल?

देश में कारोबार, नशा, आतंकवाद, राजनीति, खेल और सट्टा के लिए हवाला का इस्तेमाल होता रहा है. दिल्ली से हवाला के जरिए करोड़ो रुपए दूसरे देशों में भी भेजे जाते हैं. देश के अंदर भी कई हिस्सों में हवाला कारोबार काफी फल-फूल रहा है.

हवाला कारोबार करने वाले लोग बिचौलिए के माध्यम से रकम इधर से उधर करते हैं. हवाला कारोबारी कोड के जरिए रकम देते और लेते हैं.

बताया जाता है कि एक राज्य से दूसरे राज्यों में रकम भेजने पर एक लाख पर 700 रुपए तक कमीशन हवाला कारोबारी लेते हैं. अगर पैसे विदेश भेजे जाते हैं तो हर देश का रेट अलग-अलग तय होता है.

देश में हवाला कारोबार नोटबंदी के दौरान कुछ समय के लिए प्रभावित रहा था. लेकिन, पिछले दो-तीन महीने से हवाला कारोबार ने एक बार फिर से रफ्तार पकड़ ली है. पूरी तरह से अवैध माने जाने वाले हवाला कारोबार से रोजाना अरबों में कमाई हो रही है.

मिनटों में हो जाती है लाखों की हेरफेर 

दिल्ली का चांदनी चौक, सदर बाजार, लाहौरी गेट, करोलबाग जैसे जगहों पर बैठे सैंकड़ों बिचौलिए कमीशन लेकर कुछ ही मिनटों और घंटों में रकम इधर से उधर पहुंचा देते हैं.

देश में यह धंधा पिछले काफी सालों से फल-फूल रहा है. राजनीतिक पार्टियां भी चुनाव के वक्त या सरकार बनाने या बिगाड़ने के लिए हवाला को जरिया बनाती रही हैं.

नेताओं के द्वारा जमा की गई काली कमाई को भी हवाला के जरिए ही ठिकाने लगाया जाता है. चुनाव के दौरान खर्च होने वाले रुपए और चुनाव के दौरान मिलने वाला फंड भी हवाला के जरिए ही हासिल किया जाता है.

भारत में हवाला कारोबार अपराध की श्रेणी में आते हैं. लोग इसे सुविधाजनक और आसान तरीका मानते हैं. एक राज्य से दूसरे राज्य तक रकम ले कर जाने में चोरी होने या पकड़े जाने का डर रहता है. लेकिन हवाला के जरिए कमीशन के थोड़े पैसे दे कर पैसे आसानी से पहुंचा दिए जाते हैं.