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मुस्लिम भी पा सकते हैं मराठा आरक्षण का लाभ, करना होगा एसबीसीसी से संपर्क

फडणवीस ने विधानसभा में कहा कि अभी मुसलमानों में 52 पिछड़ी जातियों को आरक्षण दिया गया है

Bhasha

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को विधानसभा को बताया कि जिन लोगों को लगता है कि मुसलमानों में ऐसी जातियां हैं जिन्हें आरक्षण मिलना चाहिए तो वे राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग (एसबीसीसी) से संपर्क कर उससे सर्वेक्षण के लिए अनुरोध कर सकते हैं. एसबीसीसी की सिफारिशें सरकार के लिए बाध्यकारी होंगी.

फडणवीस ने विधानसभा में कहा कि आरक्षण जाति के आधार पर दिया जाता है और मुसलमानों व ईसाइयों में कोई जाति व्यवस्था नहीं है. उन्होंने कहा, ‘मुसलमानों में कुछ पिछड़ी जातियां हैं क्योंकि उन्होंने हिंदुत्व से धर्मांतरण के समय अपनी जाति बरकरार रखी थी. अभी मुसलमानों में 52 पिछड़ी जातियों को आरक्षण दिया गया है.’


मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान खुदकुशी करने वाले किसानों को दी जाएगी सहायता

उन्होंने आश्वासन दिया कि वह विधायक दल के नेताओं की एक बैठक बुलाएंगे जिससे उन लोगों के परिवार की मदद का कोई तरीका खोजा जा सके जिन्होंने मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान खुदकुशी की थी. समाज में ऐसा संदेश नहीं जाना चाहिए कि मुद्दों के निस्तारण या हल के लिए खुदकुशी करना एक विकल्प है.

वहीं काकासाहेब शिंदे ने घोषणा की कि वह जल समाधि लेंगे. पुलिस को उन्हें बचाना चाहिए था लेकिन दुर्भाग्य से यह हो नहीं सका. इसलिए हम उनके परिवार की मदद की जिम्मेदारी लेते हैं. उन्होंने कहा कि आरक्षण आंदोलन के सिलसिले में प्रदेश भर में मराठा युवकों के खिलाफ 543 मामले दर्ज हैं, जिनमें से 66 वापस ले लिए गए हैं.

फडणवीस ने कहा, ‘इनमें से 46 मामले गंभीर थे और इन्हें वापस नहीं लिया जा सकता. 65 मामले वापस लेने के संबंध में अंतिम फैसला किया जा चुका है. 314 मामलों की वापसी की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.’