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राफेल कांग्रेस के लिए ब्रह्मास्त्र है, लोकसभा में चर्चा के बावजूद पार्टी मुद्दे को 'महारण' तक उठाती रहेगी

राहुल गांधी के तेवर से साफ है कि इस मुद्दे पर लोकसभा में चर्चा के बावजूद यह मुद्दा लोकसभा चुनाव तक गरमाया रहेगा.

Amitesh

सुप्रीम कोर्ट की तरफ से राफेल मुद्दे पर सरकार को क्लीनचीट दिए जाने के बावजूद इस मुद्दे पर हंगामा जारी है. सरकार ने इस मुद्दे पर विपक्ष के सारे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था, लेकिन, दूसरी तरफ, विपक्ष इस मुद्दे को लोकसभा चुनाव तक गरमाना चाहता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से साल के पहले ही दिन दिए इंटरव्यू के बाद लोकसभा में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल मुद्दे पर सरकार पर हमला बोला. सदन के भीतर और बाहर हर तरफ से कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधना शुरू कर दिया, जिसका जवाब सरकार की तरफ से भी दिया गया. राहुल की बातों का जवाब पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दिया था, लेकिन, बाद में लोकसभा के भीतर जब इस मुद्दे पर चर्चा हुई तो रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने हर सवाल का जवाब देकर कांग्रेस को कठघरे में खड़ा करने की पूरी कोशिश की.


लोकसभा में राफेल डील पर बोलते हुए रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, पहला एयरक्राफ्ट सितंबर 2019 में डिलीवर होगा और 36 एयरक्राफ्ट साल 2022 में डिलीवर किए जाएंगे. मोल-भाव की प्रक्रिया 14 महीने में समाप्त हो गई है.

हालांकि जब रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में बहस का जवाब दे रही थी, उस वक्त विपक्ष की तरफ से टोका-टोकी और हंगामा भी हो रहा था जिसका जवाब देते हुए निर्मला ने कहा कि विपक्ष के वरिष्ठ सदस्य मेरा जवाब नहीं सुनना चाहते हैं. यह बेहद निराशाजनक है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दे पर बहस को देश सुनना चाहता है जानना चाहता है क्योंकि यह बेहद जरूरी है, चाहे हम सत्ता में रहें या वो.

रक्षा मंत्री ने अपने पड़ोसी चीन और पाकिस्तान की रक्षा तैयारियों का जिक्र करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि दोनों ही पड़ोसी देश जहाजों का बड़ा बेड़ा बना रहे हैं. अधिक जहाजों की जरूरत पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार तो केवल 18 फाइटर जेट चाहती थी. उन्होंने यूपीए सरकार पर गतिरोध पैदा करने का आरोप भी लगा दिया.

लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने राफेल मुद्दे पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जवाब मांगा था. खड़गे ने कहा कि जब तक प्रधानमंत्री जवाब नहीं देंगे तब तक यह मसला हल होने वाला नहीं है. कांग्रेस के सदन के नेता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ऐसे मुद्दों की जांच नहीं करेगी, इसका हल संसद के भीतर जेपीसी ही निकाल सकती है, ये बात हम कोर्ट के फैसले से पहले भी कह चुके हैं.

खड़गे ने एक बार फिर कांग्रेस के उस स्टैंड को लोकसभा के भीतर रखा जिसमें कांग्रेस का कहना है कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के सामने राफेल मामले में झूठ बोला है. उन्होंने कहा कि सरकार ने इस बारे में सीएजी रिपोर्ट संसद में आने की बात की थी, जो सरासर झूठ है, पीएसी का अध्यक्ष में हूं लेकिन मेरे सामने कोई रिपोर्ट आज तक आई ही नहीं है.

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता खडगे को जवाब दिया. उन्होंने कहा कि मैं खड़गे जी से कहना चाहती हूं, जो स्थाई समिति के सदस्य हैं, जिन्होंने रक्षा उत्पादन से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर गौर किया है, एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 'स्थाई समिति को यह जानकर निराशा हुई कि 3 दशक बाद भी एचएएल आवश्यक एयरक्राफ्ट का विकास नहीं कर पाया है.'

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल मामले में ‘एए’ का जिक्र बार-बार कर सरकार को घेरने की कोशिश की थी, जिसका जवाब रक्षा मंत्री ने दिया. निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बोलते हुए कहा कि कांग्रेस का जेट खरीदने का इरादा नहीं था. उनका कहना था कि हर 'एए' के लिए 'क्यू' और 'आरवी' है.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 20 जुलाई को संसद में कहा था कि मैंने फ्रांस के राष्ट्रपति से गोपनीय समझौते के बारे में पूछा था लेकिन उन्होंने इसके बारे में बताने से मना कर दिया. उन्होंने मुझे (राहुल गांधी) यह भी बताया कि लागत को सार्वजनिक करने में उनके पास कोई मुद्दा नहीं है. रक्षा मंत्री ने इस मुद्दे पर जवाब देते हुए कहा कि कौन सच बोल रहा है. इनमें से एक देश को गुमराह कर रहा है. मैं यह सिद्ध करना चाहती हूं.

रक्षा मंत्री के निशाने पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सबसे ज्यादा रहे. उन्होंने कहा कि मेरे पास घमंड करने के लिए 'खानदान' नहीं है. प्रधानमंत्री भी गरीब बैकग्राउंड से आते हैं. वह यहां कठिन परिश्रम से पहुंचे हैं. मेरा सम्मान बरकरार है. पीएम ने सम्मान बरकरार रखा है. हम सभी साधारण परिवार से आते हैं.

दरअसल कांग्रेस की तरफ से बार-बार सुप्रीम कोर्ट को गुमराह करने और कोर्ट में सही तथ्य नहीं पेश करने का आरोप लग रहा है. रक्षा मंत्री ने कांग्रेस के उन सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि 'विस्तार से यह मामला सुनने के बाद राफेल पर निर्णय आया है. हम 36 विमानों की खरीद के मुद्दे पर हस्तक्षेप का कोई कारण नहीं पाते हैं. व्यक्तियों की धारणा एक जांच का आधार नहीं हो सकती है.' हम सुप्रीम कोर्ट को गुमराह नहीं कर रहे हैं.

लेकिन, सदन में चर्चा और रक्षा मंत्री के जवाब से कांग्रेस संतुष्ट नहीं है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने फिर से इस मुद्दे पर सवाल खड़े किए हैं. राहुल गांधी ने कहा कि कई सवाल किए गए, किसी सवाल का जवाब नहीं मिला. रक्षा मंत्री ने 2 घंट में अनिल अंबानी का एक बार भी नाम नहीं लिया. सवालों का जवाब देने के बजाए उन्होंने ड्रामा शुरू कर दिया.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि यूपीए की डील में राफेल का दाम 560 करोड़ था. आपकी डील में वो 1600 करोड़ हो गया. आपने ये नहीं बताया कि दाम कैसे बढ़ा. 126 एयरक्राफ्ट की जगह 36 एयरक्राफ्ट क्यों खरीदे. जनता के पैसे के बारे में नहीं बता रहे. फ्रांस के राष्ट्रपति से मैं मिला था. क्या सौदे की कीमत बताने पर रोक है? मैं रक्षा मंत्री पर आरोप नहीं लगा रहा, न ही मनोहर पर्रिकर पर आरोप लगा रहा हूं. मैं प्रधानमंत्री पर आरोप लगा रहा हूं. राहुल गांधी के तेवर से साफ है कि इस मुद्दे पर लोकसभा में चर्चा के बावजूद यह मुद्दा लोकसभा चुनाव तक गरमाया रहेगा.