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नेताओं की योग्य संतानों को भी चुनावों में टिकट पाने का पूरा हक : बीजेपी महासचिव

'किसी राजनेता के घर जन्म लेना कोई गुनाह नहीं है. राजनेताओं की संतानें भी राजनीति में आ सकती हैं. अगर राजनीतिक परिवार का कोई व्यक्ति योग्यता के आधार पर अपनी पार्टी से चुनावी टिकट मांगता है, तो यह उसका अधिकार है.'

Bhasha

बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने अपनी पार्टी में परिवारवाद के आरोपों को सिरे से खारिज किया. लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि राजनेताओं के संतानों को भी चुनाव लड़ने का पूरा हक है, बशर्ते वे योग्यता के तय पैमानों पर खरे उतरते हों.

बीजेपी महासचिव का यह बयान ऐसे वक्त पर सामने आया है, जब मध्यप्रदेश में 28 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों में उनके पुत्र आकाश इंदौर से टिकट की दावेदारी कर रहे हैं. विजयवर्गीय का गृहनगर इंदौर है और वह खुद जिले की महू सीट से विधायक हैं.


बीजेपी महासचिव ने कहा, 'किसी राजनेता के घर जन्म लेना कोई गुनाह नहीं है. राजनेताओं की संतानें भी राजनीति में आ सकती हैं. अगर राजनीतिक परिवार का कोई व्यक्ति योग्यता के आधार पर अपनी पार्टी से चुनावी टिकट मांगता है, तो यह उसका अधिकार है.'

विजयवर्गीय ने दावा किया कि उन्होंने अपने बेटे आकाश के लिए अपनी पार्टी से टिकट नहीं मांगा है. लेकिन बीजेपी के आंतरिक सर्वेक्षण में उनके बेटे को इंदौर जिले के नौ में से चार विधानसभा क्षेत्रों में टिकट की दावेदारी के लिए योग्य पाया गया है.

बीजेपी महासचिव ने कहा, 'अगर मेरी पार्टी को उचित लगेगा, तो वह मेरे बेटे को चुनावी टिकट देगी.'

राहुल के पास अगर सबूत है तो कोर्ट में जाएं:

उन्होंने कहा, 'बीजेपी में परिवारवाद नहीं है. परिवारवाद के आधार पर तो कांग्रेस चलती है. गांधी परिवार का कोई व्यक्ति ही कांग्रेस की बागडोर संभालता है, भले ही उसमें राजनीतिक योग्यता हो या न हो.'

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को बार-बार 'चौकीदार चोर है' कहने पर विजयवर्गीय ने कहा, 'इस तरह की असंसदीय शब्दावली का उपयोग कर राहुल देश के राजनीतिक वातावरण को प्रदूंषित कर रहे हैं. ऐसे संस्कार केवल कांग्रेस में ही सकते हैं.

उन्होंने राफेल सौदा मामले में कांग्रेस अध्यक्ष को चुनौती देते हुए कहा, 'अगर इस मामले में राहुल के पास पुख्ता सबूत हैं, तो वह खुद अदालत का दरवाजा खटखटाएं.