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DUSU का दंगल: हर साल खुले एक कॉलेज ताकि हर छात्र डीयू में पढ़ सके

दिल्ली सरकार ने 28 कॉलेज का फंड रोक रखा है. इसकी मांग को लेकर ABVP लगातार प्रोटेस्ट कर रही है

Rajat Choudhary

दिल्ली यूनिवर्सिटी में होने वाले चुनाव में हमारे लिए सबसे अहम मुद्दा हॉस्टल है. नॉर्थ के अलावा किसी भी जगह हॉस्टल नहीं है. कालकाजी के 11 कॉलेज में हॉस्टल नहीं है. साऊथ कैंपस के कॉलेज की बात करें तो वहां भी हॉस्टल की बहुत कमी है. छात्र जो दूर से डीयू में पढ़ने आते हैं उन्हें हॉस्टल मिलने में भी बहुत दिक्कत होती है. राजधानी जैसे कॉलेज में भी छात्र हॉस्टल की कमी से जूझ रहे हैं.

प्लेग्राउंड की कमी


मैं दोशबंधु कॉलेज में पढ़ा हुआ हूं. मेरे कॉलेज में प्लेग्राउंड नहीं था. अभी भी देशबंधु में प्लेग्राउंड नहीं है. मैं प्रेसिडेंट बनने के बाद सभी कॉलेज में प्लेग्राउंड बनाने पर ध्यान दूंगा.

दिल्ली सरकार से परेशानी

दिल्ली सरकार ने 28 कॉलेज का फंड रोक रखा है. इसकी मांग को लेकर ABVP लगातार प्रोटेस्ट कर रही है. दिल्ली में केजरीवाल सरकार के आने से बहुत नुकसान हुआ है. छात्रों के मुकाबले डीयू में सीटें बहुत कम हो गई हैं. हर साल करीब 5-6 हजार सीट बढ़नी चाहिए. दिल्ली सरकार ने जो पुराना फंड रोक रखा है हम वो रिलीज करवाकर छोड़ेंगे. केजरीवाल सरकार फंड रिलीज आराम से नहीं करेगी तो इसके लिए धरना देंगे जरूरत पड़ने पर प्रदर्शन से भी पीछे नहीं हटेंगे.

दिल्ली सरकार को हर साल कम से कम एक कॉलेज खोलना चाहिए. सीटों की कमी की वजह से छात्रों को एडमिशन नहीं मिल पाता. कट-ऑफ लगातार बढ़ती जा रही है. जनरल के लिए 90 प्रतिशत अंक चाहिए होते हैं. वहीं अन्य किसी कैटेगरी में थोड़ से कम में भी हो जाता है. लेकिन मुद्दा जो सबसे अहम है वो है सीटों की कमी की वजह से अच्छे अंक होने के बाद भी एडमिशन नहीं मिल पाता. इससे बच्चों में निराशा होती है. अगर हर साल यूनिवर्सिटी में एक कॉलेज भी खुले तो पांच साल में पांच कॉलेज तो खुलेंगे. तो इससे सीटों पर कितना ज्यादा फर्क पड़ेगा. डीयू में पढ़ने का हर बच्चे का मन होता है.

प्रिंट मार्क्सशीट

इससे पहले दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रिंट मार्क्सशीट मिलनी बंद हो गई थी. लेकिन ABVP ने प्रिंट मार्क्सशीट शुरू करवाई. हमने कैमरे लगवाए, जिससे छात्रों को सुरक्षा मिलेगी. प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के द्वारा चलाए गए स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत हमने टॉयलेट ओपन करवाए हैं.

बढ़ी हुई फीस कम करेंगे

दिल्ली यूनिवर्सिटी में एमए की फीस बहुत ज्यादा है. हम जीतने के बाद इस कम करेंगे. हिन्दू कॉलेज में एमए में एडमिशन के लिए छात्रों को 14 हजार और मोती लाल में 5 हजार रुपए फीस भरनी पड़ती है. हम डूसू जीतने के बाद फीस कम करने की मांग करेंगे. इतनी ज्यादा फीस मिडिल क्लास और गरीब छात्रों के लिए भरनी आसान नहीं होती.

मेट्रो और बस पर ध्यान देंगे

मेट्रो ने अभी किराया बढ़ाया है. इतना ज्यादा किराया स्टूडेंट नहीं भर पाते हैं. वहीं बस की सुविधा भी कुछ कॉलेज से दूर है. हम बस और मेट्रो पर खास ध्यान देंगे. क्योंकि कॉलेज पहुंचने के लिए सबसे ज्यादा छात्र इसका इस्तेमाल करते हैं.

गर्ल्स सेफ्टी

इसके बाद हमारे लिए सबसे ज्यादा अहम गर्ल्स सेफ्टी का मुद्दा है. ईवनिंग में 8 बजे तक क्लास चलती है. हम प्रत्येक कॉलेज में हेड कॉन्सटेबल देने की मांग करेंगे. वहीं आउट साइडर भी कॉलेज में आते हैं. उन्हीं लोगों की एंट्री होगी जो कॉलेज में पढ़ते हों. सबसे ज्यादा आउट साइडर ईव-टीजिंग करते हैं.

एक महीने में क्लियर होगी बैक

सपलीमेंट्री एग्जामिनेशन जो स्टूडेंट की बैक आती है. उन्हें एक साल का इंतजार करना होता है. हम उन्हें जल्द से जल्द पूरी करने की मांग करेंगे. हमारी कोशिश रहेंगी जिस भी छात्र की बैक आए उसे एक महीने क्लियर कर दिया जाए. एक साल तक इंतजार करने से छात्रों को बहुत परेशानी होती है.

(पुनीत सैनी से बातचीत पर आधारित)