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एमसीडी चुनाव : बीजेपी की तीन सीटों पर दो-दो उम्मीदवार, असली-नकली में उलझे उम्मीदवार

टिकट बंटवारे के दंगल के बाद अब एक ही सीट पर दो दो उम्मीदवारों के एलान से दिल्ली बीजेपी में घमासान मच गया है.

Amitesh

काफी मगजमारी के बाद बीजेपी ने एमसीडी चुनाव के लिए आखिरकार 272 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान तो कर दिया. लेकिन पार्टी के भीतर कुछ ऐसी  सीटें हैं जहां एक सीट पर दो-दो उम्मीदवारों के नाम का ऐलान हो गया है. इससे पार्षद बनने का सपना संजोए पार्टी कार्यकर्ताओं की आंखों की नींद उड़ लग गई है.

रानीबाग के वार्ड 66 में दो उम्मीदवार


नॉर्थ एमसीडी की रानीबाग के 66 नंबर वार्ड से पूजा सहगल को बीजेपी ने इस बार अपना उम्मीदवार बनाया था. युवा जोश और कार्यकर्ताओं के समर्थन के दम पर पूजा सहगल इस बार रानीबाग में कमल खिलाने की भावना लेकर अपना नामांकन भी दखल कर आईं. लेकिन उन्हें तब झटका लगा जब पता चला कि उनके ही वार्ड से वंदना जेटली ने भी बीजेपी के सिम्बल पर पर्चा दाखिल कर दिया है.

कई सालों की लगातार मेहनत के बाद इस बार पार्टी ने जब उम्मीदवार बनाया तो पूजा सहगल को लगा कि सालों पुरानी मुराद पूरी हो गई. लेकिन पूजा अब दिल्ली बीजेपी दफ्तर के चक्कर लगाती फिर रही हैं. पार्टी के तमाम अधिकारियों से लेकर अध्यक्ष मनोज तिवारी तक उन्होंने अपनी गुहार लगाई है कि पार्टी ने  उन्हें अपना चेहरा बनाकर आखिर में ऐसा क्यों किया.

दो- दो उम्मीदवारों की गुगली में उलझे मनोज तिवारी

बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी का कहना है कि कुछ तकनीकी दिक्कतों की वजह से ऐसा हुआ है. तिवारी ने कहा कि रानीबाग के अलावा किशुनपुर और ख्याला में भी बीजेपी के दो-दो उम्मीदवार मैदान में खड़े हैं. इस तकनीकी गलती को देखकर जल्द ही फैसला कर लिया जाएगा कि बीजेपी का असली उम्मीदवार कौन है.

हारे हुए उम्मीवार की पत्नी को थमाया टिकट

फर्स्टपोस्ट से बातचीत में रानीबाग से प्रत्याशी पूजा सहगल का कहना है कि पिछली बार इस सीट से शशिधर जेटली को  टिकट दिया गया था लेकिन वो चुनाव हार गए थे. इसके बाद उन्हें इस बार पार्टी ने मैदान  में उतारा है. लेकिन इसके तुरंत बाद शशिधर जेटली की पत्नी वंदना जेटली को भी बीजेपी की तरफ से टिकट थमा दिया गया है. ऐसे में इस बात को लेकर भ्रम हो गया है कि पार्टी ने बिना मुझे बताए ऐसा फैसला कैसे कर लिया.

पूजा सहगल का कहना है कि वो बीजेपी अधिकारियों से इस नाइंसाफी के बारे में जानना चाहती हैं लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिल रहा है.

फिलहाल बीजेपी के भीतर टिकट बंटवारे के चलते नाराजगी का डर पहले से ही सताया जा रहा था.  जिसके चलते नामांकन भरने के आखिरी दिन तक टिकट का बंटवारा हुआ. लेकिन अब टिकट बंटवारे के बाद बने भ्रम ने पार्टी दफ्तर में कार्यकर्ताओं की नाराजगी को और बढ़ा दिया है.

कार्यकर्ताओं की पार्टी नेतृत्व से इस बात पर नाराजगी है कि टिकट देने के बाद अगले ही दिन बदलाव कर दिया गया है.  अगर ऐसा करना भी था कम से कम पहले घोषित उम्मीदवार को बताया क्यों नहीं गया.