एमसीडी चुनावों में कांग्रेस की हार की जिम्मेदारी लेते हुए प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने इस्तीफे की पेशकश की है. अजय माकन ने हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए कहा है कि वो अगले एक साल तक पार्टी में कोई भी पद नहीं लेंगे और एक साधारण कार्यकर्ता की तरह पार्टी के लिए काम करते रहेंगे.
एमसीडी चुनावों में कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही है. अजय माकन ने कहा है कि हालांकि हमारी पार्टी ने वापसी की है लेकिन मैं इससे बेहतर नतीजों की उम्मीद कर रहा था. हार के जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने ईवीएम मशीनों पर भी सवाल उठाए हैं.
अजय माकन ने कहा है कि चुनाव आयोग को इन मशीनों की जांच करवानी चाहिए. उन्होंने कहा है कि वो ईवीएम मशीनों पर भरोसा नहीं करते लेकिन चुनाव आयोग पर करते हैं. उन्हें उम्मीद है कि आयोग ईवीएम की जांच करवाई जाएगी.
इससे पहले दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने हार के लिए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन को जिम्मेदार ठहराया था. उन्होंने कहा क्योंकि दिल्ली में कांग्रेस का नेतृत्व उन्हीं के हाथों में था, इसलिए हार के लिए भी वही जिम्मेदार हैं.
कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई पर शीला दीक्षित ने कहा कि पार्टी में नाराज लोगों को मनाया जाता है. जिसके हाथ में पार्टी की कमान होती है वो ये काम करता है. लेकिन हमारे यहां इसके ठीक उल्टा हुआ.
शीला दीक्षित ने कहा,''यह जनता का जनादेश है, इसे सम्मान के साथ स्वीकार किया जाना चाहिए.''
शीला दीक्षित के मुताबिक कांग्रेस की हार की वजह आक्रमक प्रचार का न होना है. उन्होंने बताया कि कांग्रेस के किसी भी कद्दावर या बड़े नेता ने 270 वार्डों में प्रचार नहीं किया. जब उनसे पूछा गया कि आपने प्रचार क्यों नहीं किया तो शीला दीक्षित ने कहा, '''मैंने इसलिए प्रचार नहीं किया क्योंकि पार्टी ने इसके लिए मुझे आमंत्रित नहीं किया. मैं अपने आप से तो ऐसा नहीं कर सकती थी."
एमसीडी चुनावों में कांग्रेस को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. चुनावों से ठीक पहले पार्टी के सीनियर लीडर अरविंदर लवली और बरखा शुक्ला सिंह कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया.