view all

एमसीडी चुनाव 2017 : कई निर्दलीय उम्मीदवारों की खुल सकती है किस्मत

नामांकन रद्द होने के बाद पार्टियां अब निर्दलीय और छोटे दलों के उम्मीदवारों पर दांव लगाने जा रही हैं

Ravishankar Singh

एमसीडी चुनाव में निर्वाचन आयोग के डंडे ने बीजेपी और स्वराज इंडिया पार्टी की मुसीबत बढ़ा दी है. कई उम्मीदवारों के नामांकन पत्र रद्द होने के बाद इन पार्टियों ने दूसरे विकल्पों पर भी विचार करना शुरू कर दिया है.

प्रत्याशियों के नामांकन पत्र रद्द होने से बचाने के लिए बीजेपी और स्वराज इंडिया पार्टी ने खूब दौड़-भाग की. प्रत्याशियों की सहायता के लिए नामी-गिरामी वकीलों की भी मदद ली गई. पर, अब लगता है कि चुनाव होने में कम वक्त के चलते इन दलों ने निर्दलीय उम्मीदवारों पर अपना दांव लगाने का फैसला किया है.


छोटे दलों और निर्दलियों का सहारा 

बीजेपी और स्वराज इंडिया ने वैसे वार्डों जहां इनके प्रत्याशियों के नामांकन पत्र रद्द कर दिए गए हैं. उन जगहों पर निर्दलीय प्रत्याशियों की तलाश शुरू कर दी है.

जिन जगहों पर पार्टियों के कवरिंग उम्मीदवार बच गए हैं, वहां पर पार्टी के पास विकल्प बचा हुआ है. पर, जिन जगहों पर कवरिंग उम्मीदवार का भी नामांकन पत्र रद्द हो गया है. पार्टियां वहां पर साफ-सुथरी छवि के निर्दलीय और छोटे दलों के उम्मीदवारों पर दांव लगाने जा रही है.

बीजेपी और स्वराज इंडिया अब निर्दलीय और छोटे दलों के संपर्क में है. बीजेपी और स्वराज इंडिया पार्टी के नेताओं का कहना है कि प्राथमिकता उन लोगों को दी जाएगी जिनकी विचारधारा कहीं न कहीं हमारी पार्टी से मिलती-जुलती हो.

स्वराज इंडिया, बीजेपी को लगा सबसे ज्यादा झटका 

स्वराज इंडिया पार्टी और बीजेपी के सबसे ज्यादा प्रत्याशियों के नामांकन रद्द किए गए हैं. बीजेपी के 6 उम्मीदवारों के नामांकन रद्द हुए हैं. तो स्वराज इंडिया पार्टी के 24 उम्मीदवारों के नामांकन पत्र को खारिज कर दिया गया है.

एमसीडी चुनाव में बड़े पैमाने पर नामांकन रद्द होने के बाद राजनीतिक पार्टियों ने राज्य चुनाव आयोग के दफ्तर का घेराव करना भी शुरू कर दिया है. स्वराज इंडिया पार्टी ने जहां दिल्ली निर्वाचन आयोग में धरना दिया. वहीं बीजेपी ने राज्य चुनाव आयोग से शिकायत दर्ज कराई है.

बीजेपी उम्मीदवारों के नामांकन रद्द होने को पार्टी ने गंभीरता से लिया है. बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी के नेतृत्व में पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल राज्य चुनाव आयुक्त एस के श्रीवास्तव से मिला, जिसमें पार्टी ने अपने कई प्रत्याशियों के नामांकन रद्द करने पर नाराजगी जताई.

स्वराज इंडिया पार्टी ने भी अपने 24 उम्मीदवारों के नामांकन रद्द किए जाने के बाद चुनाव आयोग कार्यालय के बाहर धरना दिया. पार्टी नेताओं का कहना है कि तकनीकी कारणों का हवाला देकर राज्य चुनाव आयोग गैर-कानूनी ढंग से प्रत्याशियों के नामांकन को रद्द कर रहा है.

(फोटो: योगेंद्र यादव के फेसबुक वाल से साभार)

मामूली वजहों से खारिज हुआ नामांकन 

कई उम्मीदवारों के नामांकन पत्र इसलिए रद्द हुए हैं कि क्योंकि उन्होंने बाकी जगह हस्ताक्षर किए लेकिन एक जगह छूट गया. कुछ के नामांकन इसलिए रद्द हुए क्योंकि उनके प्रस्तावकों के हस्ताक्षर नहीं मिले. जबकि, कुछ के नामांकन इसलिए खारिज हुए हैं क्योंकि उनके प्रस्तावकों को चुनाव कार्यालय में एंट्री नहीं मिली.

उत्तरी दिल्ली नगर निगम के वजीरपुर वार्ड से हरीश शर्मा और दक्षिणी दिल्ली के ख्याला वार्ड में भी बीजेपी प्रत्याशी बबली चंदेला का नामांकन रद्द हो गया. हालांकि, इन दोनों वार्डों में प्रत्याशियों के कवरिंग सही पाए गए.

एमसीडी चुनाव में नामांकन पत्रों को खारिज किए जाने को भी मुद्दा बनाया जा रहा है. बीजेपी ने नामांकन मामूली वजहों से खारिज करने को लेकर रिटर्निंग अधिकारियों पर दबाव डालने का आरोप केजरीवाल सरकार पर लगाया है.

राजनीतिक भविष्य की लड़ाई लड़ रहे हैं बड़े दल

बीजेपी प्रत्याशियों के जिन जगहों के नामांकन खारिज हुए हैं, वह सीट पूर्वी दिल्ली के वेस्ट विनोद नगर, त्रिलोकपुरी वेस्ट सीट, उत्तरी दिल्ली के बापरौला और किशनगंज वार्ड और दक्षिणी दिल्ली के अबुल फजल इंक्लेव और लाडो सराय है.

चुनाव आयोग ने जिन उम्मीदवारों का नामांकन रद्द किया है उनमें से ज्यादातर प्रत्याशी महिलाएं हैं.

दिल्ली नगर निगम के चुनाव भले ही स्थानीय मुद्दों पर लड़े जा रहे हों, पर इस चुनाव के नतीजे बीजेपी, आप और कांग्रेस समेत कई पार्टियों के राजनीतिक भविष्य पर असर डालने जा रहा है.

एमसीडी की जंग में सभी पार्टियों के लिए हर सीट काफी मायने रखती हैं. वो एक-एक सीट पर लड़ाई से हटना नहीं चाहती हैं. ऐसे में चुनाव आयोग का डंडा कुछ पार्टियों के लिए मुसीबत बन कर आया है.