दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा उपराज्यपाल पर आप सरकार की सीसीटीवी परियोजना को विलंबित करने का आरोप लगाने के कुछ दिन बाद अनिल बैजल ने सोमवार को उन्हें पत्र लिखकर कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जनता और मीडिया को इस मुद्दे पर लगातार और जानबूझकर गुमराह किया जा रहा है. बैजल के पत्र के कुछ घंटे बाद केजरीवाल ने जवाब में पत्र लिखा और सवाल किया कि वह महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे का राजनीतिकरण क्यों कर रहे हैं.
सीसीटीवी कैमरे लगाने, संचालन और निगरानी के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया बनाने के वास्ते बैजल द्वारा एक समिति गठित करने के बाद केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि समिति गठित करने का एकमात्र उद्देश्य सरकार के काम में बाधा डालना और सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाने देना है. मुख्यमंत्री केजरीवाल ने आरोप लगाया कि उपराज्यपाल ने समिति का गठन मनमाने ढंग से निर्वाचित सरकार को दरकिनार करते हुए किया है.
उन्होंने साथ ही पूछा कि बैजल संविधान का क्यों उल्लंघन कर रहे हैं. इससे पहले उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा था कि अरविंद केजरीवाल और आप के सभी विधायक शहर में सीसीटीवी कैमरे लगाने की मंजूरी के लिए सोमवार को उनके आवास से एलजी हाउस तक मार्च करें. उपराज्यपाल ने केजरीवाल को लिखे अपने पत्र में कहा कि आप सरकार द्वारा भ्रामक सूचना फैलाने का उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा के मूल मुद्दे को दरकिनार करना है और यह इस मुद्दे पर दिल्ली सरकार के ‘‘लचर रूख’’ को दिखाता है.
बैजल ने कहा कि इस कार्यालय को सीसीटीवी लगाने के कार्य प्रदान करने के संबंध में कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है. सीसीटीवी कैमरे लगाने का कार्य प्रदान करने का प्रस्ताव सरकार के पास ही लंबित है तथा सीसीटीवी टेंडर देने के कार्य को बाधित करने के संबंध में इस कार्यालय ने कोई निर्देश जारी नहीं किया है.