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इलेक्ट्रिशियन के बेटे को मिली अमेरिका में 70 लाख रुपए की नौकरी

2015 में अली ने जामिया में मेकैनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कोर्स में एडमिशन लिया. और यहीं से इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए उनके जूनून को हवा मिली

Arun Tiwari

मेहनत कभी जाया नहीं जाती. मोहम्मद आमिर अली ने इस बात को सच साबित कर दिया है. अली को अमेरिका की एक कंपनी से एक लाख डॉलर का पैकेज ऑफर हुआ है. जामिया से डिप्लोमा करने वाले किसी भी छात्र के इतिहास में ये अभी तक का सबसे बड़ा ऑफर है. अली के पिता जामिया मिलिया इस्लामिया में इलेक्ट्रिशियन हैं.

जेएमआई स्कूल बोर्ड परीक्षा में अच्छे नंबरों के बावजूद अली जामिया के बी टेक कोर्स में लगातार तीन साल तक एडमिशन नहीं ले पाए. उनका चयन झारखंड एनआईटी में आर्किटेक्चर कोर्स के लिए हुआ था. लेकिन पैसों की किल्लत की वजह से अली वहां भी दाखिला नहीं ले पाए. 2015 में अली ने जामिया में मेकैनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कोर्स में एडमिशन लिया. और यहीं से इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए उनके जूनून को हवा मिली.


अली ने कहा- 'भारत में इलेक्ट्रिक गाड़ियों को चार्ज करना सबसे बड़ी चुनौती है. मैंने एक ऐसी थियोरी ईजाद की है जिससे गाड़ियों को चार्ज करने का खर्च जीरो हो जाएगा. शुरुआत में मेरे टीचरों ने मेरा विश्वास नहीं किया. लेकिन असिस्टेंट प्रोफेसर वकार आलम ने मेरी मेहनत को पहचाना और मुझे गाइड किया. मैंने अपने रिसर्च का एक प्रोटोटाइप भी विकसित किया है और उसे जामिया के तालिमी मेला में दिखाया भी है. सीआईई के डायरेक्टर प्रोफेसर जिशान हुसैन ने मेरे प्रोजेक्ट को कई स्तरों पर बढ़ावा दिया और यूनिवर्सिटी के वेबसाइट पर उसे डाला.'

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक अली के आइडिया ने फ्रीसन मोटर वेर्क्स, चैरलो, नॉर्थ कैरोलिना का ध्यान अपनी तरफ खींचा. उन्होंने अली से यूनिवर्सिटी के जरिए संपर्क किया और उसके आइडिया के पर काम करने के लिए जॉब का ऑफर दिया. अली को अमेरिका में बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम इंजीनियर के रुप में अमेरिका में काम करना होगा.