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दिल्ली के CM की हैसियत क्या देश के किसी राष्ट्रीय पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष से भी कम है?

दिल्ली पुलिस की पूछताछ में आरोपी शख्स लगातार इधर-उधर की बात कर रहा है. आरोपी शख्स कभी अपने आपको एक निजी कंपनी का कर्मचारी बताता है तो कभी अपने आपको सच्चा देशभक्त कहता है

Ravishankar Singh

मिर्ची कांड को लेकर दिल्ली की सियासत में बवाल मचा हुआ है. पिछले दो दिनों से मिर्चीकांड की गूंज पूरे देश में मच रही है. काफी नाटकीय घटनाक्रम के बाद बुधवार को दिल्ली पुलिस ने आरोपी शख्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली. पहले दिल्ली पुलिस की तरफ से कहा जा रहा था कि अरविंद केजरीवाल को ही एफआईआर दर्ज करवानी होगी. वहीं आरोपी शख्स दिल्ली पुलिस की पूछताछ में बार-बार अपना बयान बदल रहा है.

दिल्ली पुलिस अभी तक आरोपी शख्स अनिल कुमार के खिलाफ कोई भी सबूत जुटाने में नाकाम साबित हुई है. दिल्ली पुलिस के मुताबिक, आरोपी शख्स का किसी भी राजनीतिक दल से किसी प्रकार से कोई जुड़ाव होने का अब तक कोई सुबूत नहीं मिले हैं. दूसरी तरफ आरोपी शख्स लगातार अपने आपको देशभक्त बता रहा है.


दिल्ली पुलिस ने आरोपी शख्स अनिल कुमार के खिलाफ आईपीसी की धारा 186, 323, 334 और 506 के तहत मामला दर्ज किया है. दिल्ली पुलिस ने बुधवार को आरोपी शख्स को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लेने की बात कह रही है.

लेकिन, एफआईआर दर्ज होने से पहले इस मिर्चीकांड की गूंज चारों तरफ हो रही है. जिस मिर्चीकांड को लेकर दिल्ली की सियासत ऊफान पर है उस मिर्चीकांड का मास्टर माइंड दिल्ली पुलिस के लिए अब भी अनबुझ पहेली बना हुआ है. घटना के कई घंटे बीतने के बाद दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज की, लेकिन दिल्ली पुलिस के हाथ अभी भी खाली हैं.

प्रतीकात्मक

जवाब आम आदमी पार्टी जानना चाह रही है

इस मिर्चीकांड के बाद दिल्ली की सियासत में शोले और बारुद फटने लगे. आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा के मुताबिक, दिल्ली के मुख्यमंत्री बनने के बाद अरविंद केजरीवाल पर यह 5वीं बार हमला हुआ है. अब सवाल यह है कि क्या मिर्ची फेंकने वाला शख्स किसी सियासी चाल का मोहरा है या फिर दिमागी तौर पर बीमार? दिल्ली पुलिस इस मामले को लेकर लगातार बयान क्यों बदल रही है? क्यों दिल्ली पुलिस इस मामले में एफआईआर दर्ज होने का इंतजार कर रही थी? क्या देश के किसी राज्य में किसी मुख्यमंत्री पर हमला होता है तो वहां की पुलिस एफआईआर दर्ज करने का इंतजार करती है? ये कुछ अहम सवाल हैं जिसका c.

इस घटना के बाद आम आदमी पार्टी पहले की तुलना में कहीं ज्यादा हमलावर हो गई है. आम आदमी पार्टी के नेता कानूनी विशेषज्ञों की राय ले रहे हैं. ऐसा कहा जा रहा है कि इस बार पार्टी दिल्ली पुलिस से आर-पार की लड़ाई लड़ेगी.

आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि सीएम के ऊपर लगातार सीरीज ऑफ अटैक हो रहे हैं. बीजेपी क्या मैसेज देना चाह रही है?

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दूसरी तरफ आरोपी श्ख्स अनिल कुमार शर्मा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. इस वायरल वीडियो में दिल्ली पुलिस के अधिकारी जिस तरह से आरोपी शख्स से पूछताछ कर रहे हैं वह भी सवालों के घेरे में हैं. आम आदमी पार्टी के नेताओं का कहना है कि दिल्ली पुलिस की अप्रोच ऐसी नहीं लगती है कि वह प्रोफेशनल तरीके से और किसी राज्य के मुख्यमंत्री पर हमला करने वाले आरोपी से पूछताछ कर रही है.

दिल्ली पुलिस की पूछताछ में आरोपी शख्स लगातार इधर-उधर की बात कर रहा है. आरोपी शख्स कभी अपने आपको एक निजी कंपनी का कर्मचारी बताता है तो कभी अपने आपको सच्चा देशभक्त कहता है. आरोपी शख्स लगातार कह रहा है कि हमने अरविंद केजरीवाल से अपना पुराना हिसाब किताब चुकता कर लिया. आरोपी शख्स का आरोप है कि अरविंद केजरीवाल ने उसके फेसबुक से ईमेल आईडी चुरा ली थी. मिर्ची डाल कर हम अपना पुराना हिसाब चुकता कर लिया.

आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा के मुताबिक, इस घटना के बाद देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने अरविंद केजरीवाल से बात की. राजनाथ सिंह का कहना था कि अरविंद केजरीवाल इस घटना की एफआईआर खुद दर्ज कराएं.

आम आदमी पार्टी का कहना है कि क्या किसी राज्य के मुख्यमंत्री पर हमला होने पर उस राज्य की पुलिस एफआईआर का इंतजार करती है? पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा, ‘दिल्ली सचिवालय के अंदर मुख्यमंत्री पर हमला दिल्ली पुलिस की नाकामी और एक सोची समझी साजिश की तरफ इशारा करता है. दिल्ली सचिवालय एक हाई सिक्योरिटी जोन है और वहां दाखिल होने के लिए आपको कई प्रकार की जांच से होकर गुजरना होता है. अगर किसी प्रकार से कोई व्यक्ति अंदर चला भी जाता है तो मुख्यमंत्री के कमरे के बाहर सुरक्षा में खड़ी पुलिस किसी को भी वहां खड़ा नहीं होने देती. अगर कोई भी वहां खड़ा होता है तो तुरंत पुलिस कर्मी उससे पूछताछ शुरू कर देते हैं कि आप कौन हो और यहां क्यों खड़े हो?’

सौरभ आगे कहते हैं, ‘आज जब मुख्यमंत्री अपने रूम से बाहर निकले तो वहां पर एक व्यक्ति मिर्ची पाउडर लेकर वहां मुख्यमंत्री का इंतजार कर रहा था, और किसी भी सुरक्षा कर्मी ने उससे पूछताछ करने की जहमत नहीं समझी. ये कोई इत्तेफाक नहीं है. पिछले कुछ दिनों में मुख्यमंत्री पर कई बार हमला करने की कोशिश की गई है. बीते दशहरे के दिन की बात है एक व्यक्ति मुख्यमंत्री के घर में उनके कमरे तक पहुंच गया और उनपर हमला करने की कोशिश की. जबकि, मुख्यमंत्री के घर में जाने के लिए कई सुरक्षा घेरों से होकर गुजरना पड़ता है. दोनों ही जगह मुख्यमंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस के पास है और दोनों ही जगह दिल्ली पुलिस मुख्यमंत्री की सुरक्षा में नाकाम दिखी. अब इसे दिल्ली पुलिस की नाकामी कहें या बीजेपी और दिल्ली पुलिस की मिली भगत से एक सोची समझी साजिश के तहत किया गया हमला.’

आम आदमी पार्टी के नेताओं का कहना है कि बीते 4 नवंबर को भी सिग्नेचर ब्रिज के उद्घाटन के दौरान बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने खुलेआम सोशल मीडिया पर ऐलान करके दिल्ली सरकार के कार्यक्रम में जाकर हंगामा किया, वहां तोड़फोड़ की और मंच से भाषण देते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर बोतलें फेंककर उन्हें चोट पहुंचाने की कोशिश की. मनोज तिवारी का वीडियो बताता है कि उस दिन तिवारी दिल्ली पुलिस के एक डीसीपी से कैसे पेश आ रहे थे. मनोज तिवारी पर मामला दर्ज होना चाहिए तो उल्टे सीएम के खिलाफ मामला दर्ज हो गया? क्या दिल्ली में ऐसी स्थिति हो गई है जिसमें एक अधिकारी की उसके ही विभाग में कोई पूछ नहीं है?

सभी षड्यंत्रों में बीजेपी का पूरा-पूरा हाथ

आम आदमी पार्टी इन सभी घटनाओं के पीछे बीजेपी का हाथ बताने से परहेज नहीं कर रही है. आप नेताओं का कहना है कि इसी बात से साबित हो जाती है कि जब मनोज तिवारी और उनके गुंडों ने सिग्नेचर ब्रिज कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पर हमला किया तो दिल्ली पुलिस ने मनोज तिवारी और उनके गुंडों पर एफआईआर न करके उल्टा मुख्यमंत्री के खिलाफ ही एफआईआर दर्ज कर डाली. इसी प्रकार से फरवरी में सचिवालय के दूसरे तल पर सैकड़ों लोगों की भीड़ ने केबिनेट मंत्री इमरान हुसैन और उनके सह-कर्मियों पर हमला किया, उसके साथ मारपीट की. उस पूरी घटना के सीसीटीवी साक्ष्य मौजूद होने के बावजूद अभी तक दिल्ली पुलिस ने कोई कार्यवाई नहीं की. इन सभी घटनाओं से साफ जाहिर होता है कि दिल्ली पुलिस केंद्र सरकार में बैठी बीजेपी के इशारे पर काम कर रही है और इन सभी षड्यंत्रों में बीजेपी का पूरा-पूरा हाथ है.

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दक्षिणी दिल्ली के लोकसभा प्रभारी राघव चड्ढा ने कहा, ‘मंगलवार को घटना के समय मैं वहीं मौजूद था. सीएम साहब एक बैठक खत्म करके अपने कमरे से बाहर आए, मैं बिल्कुल उनके ठीक पीछे चल रहा था. उनके कमरे के बाहर निकलते ही कुछ कदम की दूरी पर हमला करने वाला व्यक्ति खड़ा था. वो एकदम से आगे बढ़ा और उसने मुख्यमंत्री पर मिर्ची का पाउडर फेंका, फिर उनपर हमला किया, उनसे हाथापाई की, और इसी हाथापाई में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का चश्मा गिरकर टूट गया. इस पूरे प्रकरण से ये साबित हो जाता है कि मुख्यमंत्री की सुरक्षा में किस प्रकार से ढील बरती जा रही है.

राधव चड्ढा आगे कहते हैं, ‘आप सचिवालय में जाते हैं तो दिल्ली पुलिस पहले आपकी और आपके सामान की जांच करती है. उसके बाद आपको एंट्री पास बनवाना होता है. एंट्री पास के बाद स्कैनिंग मशीन में से आपका सारा सामान निकाला जाता है ताकि कोई व्यक्ति किसी भी प्रकार का कोई हथियार या कोई भी नुकसान पहुंचाने वाली चीज अंदर न ले जा सके. इतनी सारी जांचों के बावजूद वह व्यक्ति मिर्ची पाउडर अंदर कैसे लेकर आया, ये दिल्ली पुलिस की निष्पक्षता पर प्रश्न चिन्ह लगाता है.’

वहीं दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस का कहना है कि आरोपी शख्स ने अपनी मां के मेडिकल ट्रीटमेंट की एप्लीकेशन लेकर सचिवालय में एंट्री की थी.

आरोपी शख्स का कहना है कि उसकी मां बीमार है. वह सहायता के लिए सीएम के पास कई दिनों से चक्कर लगा रहा था. सीसीटीवी फुटेज में भी आरोपी शख्स अरविंद केजरीवाल को कुछ कागज दिखाते हुए नजर आ रहा है.

एक केंद्रशासित राज्य के मुख्यमंत्री पर मिर्ची पाउडर से हमला होता है और उस प्रदेश के सीपी का अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आती है यह भी अपने आप में बड़ा सवाल है?