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दिल्ली: केजरीवाल सरकार अब सरकारी खर्चे पर बुजुर्गों को कराएगी मुफ्त तीर्थाटन

दिल्ली सरकार ने अपने पिछले बजट में भी इस योजना का जिक्र किया था, लेकिन उपराज्यपाल की मंजूरी नहीं मिलने के कारण यह योजना काफी दिनों से अटकी पड़ी थी

FP Staff

बुधवार को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना की शुरुआत कर दी है. दिल्ली में रहने वाले सभी वरिष्ठ नागरिक अब अपने जीवन काल में एक बार 3 दिन और दो रातों की फ्री तीर्थ यात्रा का मौका हासिल कर सकते हैं. इसी साल जुलाई महीने में अरविंद केजरीवाल ने सभी आपत्तियों को खारिज करते हुए मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना की मंजूरी दी थी. इस योजना की मंजूरी मिलने के साथ ही अब दिल्ली की हर विधानसभा से 1100 वरिष्ठ नागरिकों को अब योजना का लाभ मिलेगा.

दिल्ली सरकार ने शुरुआत में पांच रूट तय किए हैं. दिल्ली सरकार ने अपने पिछले बजट में भी इस योजना का जिक्र किया था, लेकिन उपराज्यपाल की मंजूरी नहीं मिलने के कारण यह योजना काफी दिनों से अटकी पड़ी थी.


शुरुआत के पांच रूट- मथुरा-वृदांवन, हरिद्वार-ऋषिकेश-नीलकंठ, पुष्कर-अजमेर,अमृतसर-बाघा-आनंतपुर साहिब, वैष्णो देवी-जम्मू हैं. योजना के तहत दिल्ली के 77 हजार वरिष्ठ नागरिकों को सरकार मुफ्त में तीर्थ यात्रा कराएगी. तीर्थयात्रा 3 दिन और 2 रात की होगी.

दिल्ली सरकार के राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत ने जुलाई महीने में एक प्रेस कॉन्फेंस कर इसकी जानकारी दी थी. कैलाश गहलोत ने तब मीडिया से बात करते हुए कहा था, ‘8 जनवरी 2018 को कैबिनेट ने इस योजना की मंजूरी दी थी, लेकिन दिल्ली के उपराज्यपाल की तरफ से इस पर आपत्ति जताई गई थी. इसी वजह से इस योजना को अब तक लागू नहीं किया गया. लेकिन,सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में दिल्ली सरकार और एलजी के बीच चल रहे अधिकारों की लड़ाई में एक लकीर खींच दी थी. इसके बाद ही दिल्ली सरकार ने इस योजना को लागू करने का फैसला किया है.

इससे पहले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी ट्वीट कर इस योजना के बारे में जानकारी दी थी. मुख्यमंत्री तीर्थ योजना के तहत दिल्ली की हर विधानसभा से हर साल 1100 यात्रियों को तीर्थ यात्रा करवाई जाएगी. इस तीर्थयात्रा का पूरा खर्च दिल्ली सरकार उठाएगी. इस तरह हर साल 77 हजार वरिष्ठ नागरिकों को मुफ्त में पांच तीर्थस्थलों का भ्रमण कराया जाएगा.

इस योजना का लाभ पाने के लिए कुछ जरूरी बातों का भी ध्यान रखना होगा.

- यात्रा करने वाला आदमी दिल्ली का नागरिक होना चाहिए

- यात्रा करने वाले की उम्र 60 से अधिक होनी चाहिए.

- इस योजना के लिए चयनित नागरिक अपने साथ एक 18 साल से ज्यादा उम्र के एक सहयोगी को भी ले जा सकेंगे, जिसका पूरा खर्च दिल्ली सरकार ही उठाएगी.

- सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा.

- इस योजना का लाभ उठाने वाले व्यक्ति को सेल्फ सर्टिफिकेशन से बताना होगा कि उसने सही सूचनाएं दी हैं और पहले कभी इस योजना का लाभ नहीं उठाया है.

- तीर्थयात्रा के लिए चयनित व्यक्तियों को एक लाख का बीमा होगा.

- तीर्थयात्री एसी बसों से तीर्थयात्रा पर जाएंगे. खाने-पीने की व्यवस्था भी दिल्ली सरकार की तरफ से ही की जाएगी.

- सभी आवेदन पत्र ऑनलाइन भरे जाएंगे. आवेदन पत्र डिविजनल कमिश्नर ऑफिस, संबंधित विधानसभा के विधायक या फिर तीर्थ यात्रा कमेटी के ऑफिस से भरे जाएंगे.

- संबंधित विधायक सर्टिफाई करेंगे कि तीर्थयात्रा करने वाला व्यक्ति दिल्ली का नागरिक है.

बता दें कि इसी साल सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली सरकार ताबड़तोड़ फैसले ले रही है. साल 2019 लोकसभा चुनाव को देखते हुए दिल्ली की केजरीवाल सरकार लगातार एक के बाद एक ऐसे फैसले ले रही है, जिसका संबंध सीधे आम जनता से जुड़ा हुआ है. मोहल्ला क्लिनिक का मामला हो या फिर घर-घर राशन डिलवरी का ये कुछ ऐसे फैसले हैं जो कि अरविंद केजरीवाल को दिल्ली की जनता से जोड़ने का काम करेगी.

दूसरी तरफ दिल्ली सरकार के इस योजना के शुरुआत के साथ ही इस पर राजनीति भी शुरू हो गई है. हाल ही में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हज यात्रा पर जाने वाले हाजियों को सब्सिडी देने पर रोक लगा दी थी. इसके बाद से ही कई धार्मिक यात्राओं पर भी सब्सिडी पर सवाल खड़े किए जाने लगे हैं. ऐसे में अरविंद केजरीवाल का यह फैसला विरोधियों को नागवार गुजर रहा है