दिल्ली में हवा की गुणवत्ता दिन प्रतिदिन खराब ही होती जा रही है. बुधवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स 366 के स्तर पर था. इसे बहुत ही खराब स्थिति माना जाता है. गुरुवार यानी आज से एनवायरमेंट पॉल्यूशन कंट्रोल अथॉरिटी (EPCA) के सुझाव पर भी अमल किया जाएगा. इसी बीच खबर आ रही है कि राजधानी के अस्पतालों में प्रदूषण के कारण सांस लेने की समस्याओं से पीड़ित मरीजों की संख्या में भारी वृद्धि दर्ज की गई है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, डॉक्टर बच्चों और खासकर बुजुर्गों को सलाह दे रहे हैं कि जितना संभव हो सके घर में ही रहें. सर गंगा राम अस्पताल के डॉक्टर अनिल सचदेवा ने कहा, मैं रोज कम से कम 20 मरीजों को देख रहा हूं. इसमें से 10 लोग एलर्जी, सांस की समस्या, कफ और आंखों में पानी की समस्या से परेशान हैं. इनमें से 50 प्रतिशत ताजे मामले हैं.
सचदेवा ने कहा, मैंने परिवार वालों को सलाह दी है कि जबतक एयर क्वालिटी की स्थित में सुधार न आ जाए तबतक आप अपने बच्चों को घर में ही रखें. उन्होंने कहा कि मैं ऐसी सलाह देकर बुरा महसूस करता हूं, क्योंकि बच्चों को बाहर खेलना पसंद है लेकिन अभी के हालात उनके लिए ठीक नहीं हैं.
खतरनाक स्थिति में पहुंचने के एक दिन बाद दिल्ली की हवा की गुणवत्ता में थोड़ा सुधार आया. एयर क्वालिटी इंडेक्स खतरनाक से बेहद खराब की स्थिति में पहुंच गया. बुधवार को हवा में पीएम 2.5 की मात्रा 215 पर दर्ज की गई वहीं पीएम 10 की मात्रा 370 पर थी.
कैसे बच सकते है इस प्रदूषण से?
एक स्वास्थ्य परामर्श के मुताबिक, प्रदूषण से बचने के लिए दिल्लीवासियों को केवल मास्क पर ही निर्भर रहने से मना किया है. इस दौरान लोगों को सुबह की सैर पर जाने के लिए भी मना किया जा रहा है. सुझाव में कहा गया है, 'अगर कमरे में खिड़कियां हैं तो उन्हें बंद कर दें. इसके अलावा लकड़ी, मोमबत्ती और यहां तक कि अगरबत्ती भी जलाने से बचें. इसके साथ ही लोगों को सुझाव दिया गया है कि घरों में समय-समय पर गीला पोंछा लगाते रहें और बाहर जाने पर N..95 या P..100 मास्क का इस्तेमाल करें.