view all

सीवीसी Vs शुंगलू: एक रिपोर्ट में 'आप' सरकार साफ तो दूसरे में भ्रष्ट

सीवीसी ने कहा कि सबसे ज्यादा शिकायतें रेलवे कर्मचारियों के खिलाफ मिली हैं

Bhasha

हाल ही में शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट में जहां दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोप लगे थे. वहीं अब एक ताजा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि केजरीवाल सरकार के दौरान भ्रष्टाचार में कमी लाई है, जबकि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिली है. केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की एक रिपोर्ट में भ्रष्टाचार से जुड़ी शिकायतों में भारी गिरावट के खुलासे को केजरीवाल सरकार ने भ्रष्टाचार के प्रति 'जीरो टॉलरेंस' का सबूत बताया है.

ये भी पढ़ें: शुंगलू रिपोर्ट: दूध के धुले नहीं हैं केजरीवाल, जमकर किया है भ्रष्टाचार


उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने संसद में पेश की गयी सीवीसी की रिपोर्ट के हवाले से आज कहा कि दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने की नीति से जनता में सरकार प्रति विश्वास बढ़ा है. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली सरकार के खिलाफ सीवीसी को मिलने वाली शिकायतों में 81 प्रतिशत की गिरावट आयी है. रिपोर्ट के अनुसार सीवीसी को साल 2015 में दिल्ली सरकार में भ्रष्टाचार से जुड़ी 5139 शिकायतें मिली थीं जबकि पिछले साल 969 शिकायतें मिलीं.

ये भी पढ़ें: आप की जमानत जब्त होने के बाद कुमार विश्वास ने क्या कहा केजरीवाल से?

सीवीसी द्वारा हाल में संसद में रखी गई वाषिर्क रिपोर्ट के अनुसार, आयोग को वर्ष 2016 में कुल 49847 शिकायतें मिलीं, जो 2015 की 29838 शिकायतों से करीब 67 प्रतिशत अधिक है. इसमें कहा गया, आयोग को राज्य सरकारों तथा अन्य संगठनों में कार्यरत लोक सेवकों के खिलाफ बड़ी संख्या में शिकायतें मिलीं जो या तो आयोग के क्षेत्राधिकार में नहीं आतीं या प्रशासनिक प्रकृति की हैं.

जानकारी देते हुए सीवीसी ने कहा कि इस तरह की सबसे ज्यादा शिकायतें रेलवे कर्मचारियों के खिलाफ मिली हैं. इनमें से 8852 को निपटा लिया गया है जबकि 2348 लंबित हैं. इसके अलावा रेलवे कर्मचारियों के खिलाफ 1054 शिकायतें छह महीने से अधिक समय से लंबित हैं. रिपोर्ट में कहा गया कि वर्ष 2015 में मिली शिकायतों की संख्या वर्ष 2014 में मिली कुल 62363 शिकायतों से 50 प्रतिशत से भी कम रही. इसके अलावा, दिल्ली सरकार के तहत आने वाले कर्मचारियों के खिलाफ शिकायतों की संख्या में कमी आई है. पिछले साल 969 शिकायतें मिली, जबकि 2015 में यह आंकड़ा 5139 था.

ये भी पढ़ें: शुंगलू रिपोर्ट: केजरीवाल मानते हैं कि वही 'सरकार' हैं

उल्लेखनीय है कि तीन सदस्यीय शुंगलू कमेटी ने 404 फाइलों की जांच के बाद तैयार की गई 101 पन्नों की रिपोर्ट में केजरीवाल सरकार द्वारा की गई नियुक्तियों और आवंटनों को लेकर कई सवाल खड़े किए थे. कमेटी ने दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिक के सलाहकार पद पर स्वास्थय मंत्री सत्येंद्र जैन की बेटी की नियुक्ति को गलत बताया है. वहीं जैन के ओएसडी पद पर निकुंज अग्रवाह की नियुक्ति को भी गलत बताया है.