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जयललिता को लेकर मुझे अंधेरे में रखा गया: दीपा जयकुमार

'कुछ ताकतों' ने मेरे परिवार को बुआ जयललिता से दूर रखा

Sandhya Ravishankar

दीपा जयकुमार की रहस्यमयी मुस्कान में कई सवाल बाहर आने को बेताब दिखाई देते हैं. अपनी बुआ जयललिता की तरह दिखने वाली दीपा के पास एआईडीएमके के लिये कई सवाल हैं.

‘मेरी बुआ को पिछले दो महीनों में क्या हुआ? मुझे उनसे मिलने के लिए अपोलो अस्पताल के अंदर क्यों नहीं जाने दिया गया?’ मैं उन्हें देखने 25 बार गई लेकिन मुझे रोक दिया गया. उन्होंने कहा ‘मुझे क्यों उनके अंतिम संस्कार से दूर रखा गया? ये सब एक साजिश है. कुछ भी साफ नहीं है’.


राजनीति में उतरने को तैयार

42 साल की दीपा, जयललिता के भाई जयकुमार और विजयलक्ष्मी की बेटी हैं. दीपक नाम का उनका एक छोटा भाई भी है. शशिकला के अलावा दीपक ने भी जयललिता को अंतिम विदाई दी थी.

अब दीपा कह रही हैं ‘अगर लोग चाहेंगे तो, वह राजनीति में उतरने को तैयार हैं’. लेकिन अपने पीछे कोई राजनीतिक ताकत नहीं होने से उनकी राह कठिन है. उन्होंने कहा कि ‘पार्टी से किसी ने उनसे संपर्क नहीं किया है. और न ही उन्हें अपना सपोर्ट दिया है’.

जयललिता के अंतिम संस्कार के अगले दिन, 6 नवंबर को, दीपा अपनी बुआ को श्रद्धांजलि देने मरीना बीच गईं थी.

वहां एक चश्मदीद ने बताया कि उस दौरान बीच पर मौजूद भीड़ बेकाबू हो गई. उनको लगा कि उन्होंने अम्मा की आत्मा को देख लिया है. बीच पर मौजूद लोगों ने दीपा को घेर लिया और कहा कि ‘वो सब उनके साथ हैं और वो इसका विरोध करने को तैयार हैं’.

चश्मदीद ने कहा कि ‘भीड़ बढ़ता देख और किसी तरह का विवाद खड़ा होने से पहले दीपा वहां से चली गईं’

6 नवंबर को राजाजी हॉल में, जहां जयललिता का पार्थिव शरीर रखा हुआ था. पार्टी कार्यकर्ताओं ने दीपा को पार्टी में शामिल करने की मांग उठाई. जब उनसे इसकी वजह पूछी गई तो अपने सितारों से प्रभावित रहने वाले तमिलनाडु में सबने कहा ‘उनका ‘चेहरा’ अम्मा की तरह दिखता है’.

जयललिता की लाडली भतीजी

दीपा, सभी तरह से, कभी जयललिता की काफी लाडली भतीजी थीं. दीपा का जन्म जयललिता के निवास पोएस गार्डन के ‘वेद निलयम’ में हुआ था.

1974 में जब उनके भाई और माता-पिता यहां रहते थे. दीपा मुस्कुराते हुए कहती हैं कि ‘मेरी बुआ ने ही मेरा नाम रखा था’.

उन्होंने कहा ‘मेरा जन्म दीपावाली से एक दिन पहले हुआ था, इसलिए उन्होंने मेरा नाम दीपा रखा’.

1978 में जयललिता के भाई जयकुमार और उनका परिवार वहां से निकलकर टी नगर के एक मकान में शिफ्ट हो गया. लेकिन परिवार का पोएस गार्डन में आना-जाना लगातार बना रहा.

खास कर दीपा का जो यह कहती हैं कि 'अपनी प्यारी बुआ से उनकी लंबी बातें होती थीं. हम किताबों को लेकर काफी चर्चा करते थे. हम दोनों की पसंद एक जैसी किताबें थीं.'

हम दोनों में एक जैसी काफी समानताएं

दीपा इस बात को याद कर हंसती हैं कि उनकी मां अक्सर उन्हें कहती थीं, ‘तुम्हें मेरे बदले जयललिता के यहां पैदा होना चाहिए था’. वह कहती हैं ‘हम दोनों में एक समान खासियतें हैं’.

दीपा एक घटना को याद करती हैं जब जयललिता उनसे नाराज हो गईं थी. मेरी बुआ मुझसे गुस्सा हो गई थी. उन्होंने मुझसे कहा ‘क्यों तुम मेरी नकल कर रही हो’. मेरी मां ने हंसते हुए जयललिता से कहा ‘वो तुम्हें नकल नहीं कर रही, वो तुम्हारी तरह ही है’.

दीपा ने चेन्नई के आदर्श विद्यालय से स्कूल की पढ़ाई की. जिसके बाद उन्होंने एथिराज कॉलेज से इंग्लिश लिटरेचर में अंडर ग्रैजुएट की डिग्री हासिल की.

दीपा ने मदुरई कामराज यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में एमए किया. और ‘द न्यू इंडियन एक्सप्रेस’ अखबार में सब-एडिटर के पद पर काम किया.

कार्डिफ यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल जर्नलिज्म में मास्टर्स करने के लिए दीपा 2010 में यूके चली गईं. अभी वो कोर्स के लिए दक्षिण एशिया पर रिसर्च पेपर कर रही हैं. 2012 में दीपा ने घरवालों की मर्जी से माधवन से शादी कर ली.

संघर्षों से भरा रहा जयललिता का जीवन 

दीपा से जब पूछा गया, उनके और उनकी बुआ में क्या समानताएं हैं?. दीपा फौरन जवाब देती हैं ‘हम दोनों को बहुत जल्दी गुस्सा आता है’. फिर वो कहती हैं ‘हम दोनों काफी भावुक भी हैं’.

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आलोचना सहन नहीं करने के लिए पहचाने जाने वाली अपनी दिवंगत बुआ का दीपा बचाव करती हैं. उन्होंने कहा ‘मेरी बुआ का जीवन बचपन से ही सेलिब्रिटी वाला रहा है. उन्होंने काफी संघर्षों से भरा जीवन जिया है.

शशिकला के कारण परिवार में फूट

दीपा ने माना कि ‘शशिकला के भतीजे सुधाकरन को गोद लेने और उनकी शाही शादी से परिवार में फूट पड़ गई’.

वो याद कर कहती हैं ‘मेरे पिता जयललिता से काफी नाराज थे. मेरे पिता ने उनसे कहा कि वह जो कर रही हैं, वो गैर-जरुरी और गलत है’.

दीपा ने कहा ‘मेरे पिता ने उनसे पूछा- जब उनका पहले से अपना परिवार है, तो वो ये क्यों कर रही हैं’. वो कहती हैं कि इसे लेकर झगड़ा भी हुआ था.

1995 में जयललिता के भाई जयकुमार का निधन हो गया. दीपा ने बताया उन्होंने अपनी बुआ जयललिता को अंतिम बार 2007 में कुछ समय के लिए देखा था.

वो कहती हैं ‘मुझे नहीं पता कि उसके बाद क्या हुआ. मेरी बुआ ने मुझे कभी बुरा नहीं कहा. हमारे बीच कोई विवाद नहीं था. लेकिन फिर अचानक मुझे पोएस गार्डन के अंदर नहीं जाने दिया गया.

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दीपा को अपनी इकलौती बुआ को नहीं देख पाने का दुख है. दीपा कहती हैं कि ‘जयललिता ने खुद को अकेला कर लिया था. उनके पास अपना कोई भरोसेमंद  नहीं था’. दीपा ने कहा ‘हम उनके थे लेकिन 'कुछ ताकतें' हमें उनसे दूर रख रही थीं’.

अब जबकि, शशिकला को एआईडीएमके की कमान मिलना औपचारिकता मात्र है, दीपा चाहती हैं कि सवालों के जवाब दिए जाएं. उनके ये सवाल तमिलनाडु की सत्ता में बैठी पार्टी के गुस्से से भरे किसी भी आम पार्टी कार्यकर्ता के हैं.