दशकों से भ्रष्टाचार से जुड़े विवादों में घिरा रहा दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) ने पारदर्शिता की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के दायरे में आने वाली बीसीसीआई से मान्यता प्राप्त पहली इकाई बन गया.
लोक सूचना अधिकारी (पीआईओ) प्रदीप कुमार बनर्जी डीडीसीए के पांच सदस्यीय आरटीआई सेल के पांच सदस्यों का नेतृत्व करेंगे. दो अपीलीय प्राधिकरण होंगे जिनमें डीडीसीए के सीईओ और कार्यकारी समिति के अध्यक्ष शामिल हैं. सीईओ की नियुक्त चुनाव के बाद होने की उम्मीद है.
एक नैतिक अधिकारी और लोकपाल भी समिति का हिस्सा होंगे. हर आरटीआई आवेदन पर 10 रुपये का शुल्क लगेगा. किसी एक केस पर दो अपील पर ध्यान दिया जाएगा. हालांकि लोढ़ा कमेटी की सिफरिशों में बीसीसीआई को आरटीआई के दायरे में लाने की बात थी. बीसीसीआई ये कहकर इस अपील को मानने से माना कर दिया था कि वह किसी भी तरह की सरकारी मदद नहीं लेते हैं और खुद को नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशन नहीं बनाना चाहते.
पूर्व भारतीय क्रिकेटर और डीडीसीए के चुनाव में प्रेसीडेंट के पद के लिए खड़े मदल लाल ने पत्र लिखकर इसका स्वागत किया है.