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अब विपक्ष भी मानने लगा कि बिहारी चूहे आतंकी हो गए हैं

हाल ही में जल संसाधन मंत्री ललन सिंह ने बिहार में भयंकर बाढ़ आने के लिए बहुत हद तक चूहों को जिम्मेवार ठहराया था

Kanhaiya Bhelari

बिहार के चूहे एक बार फिर कटघरे में. महत्वपूर्ण बात ये है कि इस बार सरकार के मुलाजिमों या किसी मंत्री ने गणेश की सवारी पर दोषारोपण नहीं किया है. बल्कि सीएम नीतीश कुमार के धुर विरोधी और आरजेडी के चाणक्य, पूर्व सांसद और मंत्री जगदानंद सिंह ने विकास में बाधा डालने लिए चूहों को निशाने पर लिया है.

यकीनन सरकार के लिए ये राहत की बात है. इसे कहते हैं संकट की घड़ी में ‘हेल्प फ्रॉम अनएक्सपेक्टेड क्वाटर’. नो-नॉनसेन्स नेचर के धनी और गंभीर नेता जगदानंद सिंह ने बटेश्वर गंगा पंप नहर परियोजना की बांध ध्वस्त होने के लिए चूहों को आंशिक रूप से दोषी माना है.


लेखक से बातचीत में पूर्व मंत्री ने कहा, 'किसी घपले के कारण नहीं वरन चूहों का आतंक, अधिकारियों की लापरवाही और सरकार की मूर्खता से 38 साल पुराने नहर का एक हिस्सा कल टूट गया है’.

नीतीश कुमार करने वाले थे बांध का उद्घाटन

करीब 900 करोड़ की लागत से बनी भागलपुर के पास बनी इस सिंचाई परियोजना का उद्घाटन सीएम नीतीश कुमार करने वाले थे. लेकिन इस दुर्घटना ने उनके कार्यक्रम को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करा दिया. कुल 12 में से 5 पंप से पानी छोड़कर ट्रायल किया जा रहा था तभी दो घंटे के भीतर ही बांध ध्वस्त होकर बह गया. इस घटना ने सरकार की किरकिरी कर दी.

विरोधी दल के नेता हरवे-हथियार लेकर सरकार के कामकाज, खासतौर पर जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, पर टूट पड़े. ठीक वैसे ही जैसे मौका तलाश रहा लड़ाकू जंग-ए-मैदान में दुश्मन पर टूटता है. आरजेडी प्रवक्ता और विधायक शक्ति यादव ने सरकार पर परियोजना के निर्माण पर अधिकारियों द्वारा लूट का आरोप लगाया सोशल मीडिया पर रतजगा करने वाले भाई लोगों ने वाट्सएप पर भड़ास निकालना चालू किया ‘बिहार में बहार है, नीतीशे कुमार हैं और मंत्री माल लेकर फरार है’.

ऐसे में लगातार 15 वर्षों की सिंचाई मंत्री रहे जगदानंद सिंह का बयान सरकार को सुकून न देने वाला है. सिंह ने आगे कहा ‘बांध नहीं बल्कि वो नहर है जो करीब चार दशक से अनयूज्ड है. मिट्टी और लाइनिंग का काम काफी पुराना हो गया था. स्वभाविक है कि बड़ी संख्या में चूहे लग गए होंगे जिससे सीपेज हो गया होगा’.

उनका ये भी कहना है कि एकसाथ 5 पंप चालू करने से पहले विभाग को केवल एक पंप चलाना चाहिए था. मिट्टी वैगरह का टेस्ट कर लेना चाहिए था.

अपनी बात को सत्यापित करने के लिए जगदानंद सिंह ने उदाहरण दिया कि ‘मानो कोई अपना मोटर गाड़ी 10 साल तक नहीं स्टार्ट किया है और अचानक एक दिन बिना सबकुछ ठीक-ठाक से चेक किए स्टार्ट करेगा तो खतरा होगा ही. पूर्व मंत्री की बयान से इस बात की बू आ रही है कि हर चीज को राजनीति के चश्मे से नहीं देखना चाहिए.

बहरहाल, हाल ही में जल संसाधन मंत्री ललन सिंह ने बिहार में भयंकर बाढ़ आने के लिए बहुत हद तक चूहों को जिम्मेवार ठहराया था. पत्रकारों से बातचीत में मंत्री ने कहा था कि ‘बाढ़ प्रभावित लोग बांधों पर घर बनाकर रहने लगते हैं. अनाज भी उसी पर रखते हैं जिसके कारण चूहे बिल बनाकर बांधों को कमजोर बना देते हैं’. बाद में मंत्री ने अपने बयान का खंडन किया था. ‘मेरे स्टेटमेंट को मीडिया ने तोड़ मरोड़कर पेश किया’.

सनद रहे कि चार महीने पहले भी चूहों पर पुलिस ने हजारों लीटर शराब गटक जाने का आरोप लगाया था. देश भर में ये खबर चर्चा का विषय बना था. सरकार को बाध्य होकर जांच कराना पड़ा जिसमें यह बात झूठ निकली. सीएम नीतीश कुमार के निर्देश के बाद पुलिस के वरीय अधिकारियों ने खंडन किया.