view all

जवाहरलाल नेहरू पर दिए अपने बयान के लिए दलाई लामा ने माफी मांगी

दलाई लामा ने कहा था कि महात्मा गांधी जिन्ना को प्रधानमंत्री बनाना चाहते थे पर नेहरू ने इंकार कर दिया था. अगर महात्मा की बात मानी जाती तो आज भारत पाकिस्तान एक होते.

FP Staff

शुक्रवार को तिब्बत के आध्यात्मिक गुरू दलाई लामा ने जवाहर लाल नेहरु पर दिए अपने बयान के लिए माफी मांग ली. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक दलाई लामा ने कहा- मेरे बयान ने विवाद हो गया है. अगर मैंने कुछ गलत कहा है तो मैं मांफी मांगता हूं. ये माफी दलाई लामा ने अपने उस बयान पर मांगी जिसमें उन्होंने कहा था, 'महात्मा गांधी जी जिन्ना को प्रधान मंत्री बनाने के लिए इच्छुक थे लेकिन पंडित नेहरू ने इनकार कर दिया था.'

इसके पहले इसी हफ्ते की शुरुआत में दलाई लामा ने कहा था कि महात्मा गांधी चाहते थे कि मोहम्मद अली जिन्ना देश के शीर्ष पद पर बैठें, लेकिन पहला प्रधानमंत्री बनने के लिए जवाहरलाल नेहरू ने ‘आत्म केंद्रित रवैया’ अपनाया. दलाई ने ये भी दावा किया था कि यदि महात्मा गांधी की जिन्ना को पहला प्रधानमंत्री बनाने की इच्छा को अमल में लाया गया होता तो भारत का बंटवारा नहीं होता.

गोवा में एक सेमिनार में बोल रहे थे लामा:

गोवा प्रबंध संस्थान के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए 83 वर्षीय दलाई लामा ने यह बात कही थी.

सही निर्णय लेने संबंधी एक छात्र के प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा था, 'मेरा मानना है कि सामंती व्यवस्था के बजाय प्रजातांत्रिक प्रणाली बहुत अच्छी होती है. सामंती व्यवस्था में कुछ लोगों के हाथों में निर्णय लेने की शक्ति होती है, जो बहुत खतरनाक होता है.'

उन्होंने कहा, 'अब भारत की तरफ देखें. मुझे लगता है कि महात्मा गांधी जिन्ना को प्रधानमंत्री का पद देने के बेहद इच्छुक थे. लेकिन पंडित नेहरू ने इसे स्वीकार नहीं किया.'

उन्होंने कहा,'मुझे लगता है कि स्वयं को प्रधानमंत्री के रूप में देखना पंडित नेहरू का आत्म केंद्रित रवैया था....यदि महात्मा गांधी की सोच को स्वीकारा गया होता तो भारत और पाकिस्तान एक होते.'

उन्होंने कहा था, 'मैं पंडित नेहरू को बहुत अच्छी तरह जानता हूं, वह बेहद अनुभवी और बुद्धिमान व्यक्ति थे, लेकिन कभी-कभी गलतियां हो जाती हैं.'