view all

गौरक्षा के नाम पर हिंसा करने वाले लोग बीजेपी के नहीं हैं: गडकरी

गडकरी ने कहा कि हमारी सरकार ने किसी भी जाति, धर्म के खिलाफ पिछले तीन सालों में भेदभाव नहीं किया है

FP Staff

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि गौरक्षा के नाम पर हिंसा करने वाले लोग बीजेपी के नहीं हैं. उन्‍होंने साफ किया कि बीजेपी और संघ परिवार गोहत्या पर प्रतिबंध का समर्थन करते हैं लेकिन इसकी रक्षा के नाम पर हिंसा की निंदा करते हैं.

गडकरी ने कहा कि गायों को बचाने के नाम पर हिंसा नहीं होनी चाहिए थी. उन्होंने कहा, ‘यह हमारा एजेंडा नहीं है. जो लोग यह कर रहे हैं वे हमारे लोग नहीं हैं. जिन लोगों ने ऐसा किया वे गलत हैं. हम उनके साथ नहीं हैं. प्रधानमंत्री ने उनकी निंदा की है. हम सबने निंदा की है.’


बता दें कि हाल के दिनों में कथित गोरक्षकों की हिंसा बढ़ी है. इन गोरक्षक समूहों ने लोगों की बुरी तरह पिटाई की है और उनमें से कुछ को पीट-पीट कर मार डाला है. राजस्‍थान के अलवर में पहलू खान नाम के एक बुजुर्ग की हत्‍या कर दी गई थी.

हम ऐसे लोगों का समर्थन नहीं करते

गडकरी ने हर भगवा कपड़े पहनने वाले को बीजेपी से जोड़ने को भी अनुचित बताया. गडकरी ने कहा, ‘टेलीविजन पर किसी भी भगवाधारी को तुरंत हमसे जोड़ दिया जाता है जबकि तथ्य यह है कि हमारा उस व्यक्ति से कोई लेना-देना नहीं है. हम ऐसे लोगों का समर्थन नहीं करते.’

बीजेपी नेता ने कहा कि यह उनकी पार्टी की छवि खराब करने और इसे दलित विरोधी और अल्पसंख्यक विरोधी बताने का वामपंथी प्रचार का हिस्सा है. गडकरी ने कहा, ‘बीजेपी, विहिप, संघ परिवार और हमारी सरकार ऐसे तत्वों का समर्थन नहीं करती.

उपचार के लिए गोमूत्र अर्क का इस्तेमाल

उन्होंने कहा कि बीजेपी गोहत्या के खिलाफ है. गडकरी ने कहा कि वह उपचार के लिए गोमूत्र अर्क का इस्तेमाल करते हैं. गोमूत्र अर्क आयुर्वेदिक दवा है जिसे गाय के मूत्र का प्रसंस्करण कर तैयार किया जाता है.

गडकरी ने कहा कि गो हत्या पर हिंसा की घटनाएं पहले भी समाजवादी पार्टी और कांग्रेस की सरकारों के दौरान हुई हैं. उन्होंने कहा, ‘हमारी सरकार ने किसी भी जाति, धर्म के खिलाफ पिछले तीन सालों में भेदभाव नहीं किया है.’ गडकरी ने कहा कि उज्ज्वला योजना के तहत नि:शुल्क एलपीजी कनेक्शन न केवल हिंदुओं बल्कि मुस्लिमों को भी दिए जा रहे हैं.

हमारी लड़ाई गरीबी, भूख और बीमारी से

उन्होंने कहा, ‘हमारी लड़ाई गरीबी, भूख और बीमारी से है. गरीब, गरीब है और जाति, धर्म या भाषा के आधार पर उससे भेदभाव नहीं किया जा सकता.’ उन्होंने मोदी सरकार के शासन काल में असहिष्णुता बढ़ने की बात को भी खारिज किया.

गडकरी ने कहा कि सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास’ पर ध्यान दे रही है और इसकी किसी भी नीति में धार्मिक अल्पसंख्यकों से भेदभाव नहीं है. उन्होंने कहा कि भारतीय आनुवांशिक रूप से सहिष्णु होते हैं और यह चार हजार सालों के इतिहास से पता चलता है कि एक भी मस्जिद नहीं ढहाई गई. उन्होंने कहा, ‘हमें भेदभाव नहीं करना चाहिए.’

न्यूज़ 18 साभार