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DDCA मामले में आशुतोष पर 10 हजार जुर्माना, याचिका खारिज

मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दीपक सहरावत ने कहा कि 'आप नेता की याचिका ‘सुनवाई को पटरी से उतारने का एक प्रयास और अदालत के समय की बर्बादी है'

Bhasha

दिल्ली की एक अदालत ने आम आदमी पार्टी (आप) के नेता आशुतोष के खिलाफ अरुण जेटली की ओर से दायर आपराधिक मानहानि के मुकदमे में ‘सुनवाई पटरी से उतारने की कोशिश’ के आरोप में उन पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है.

अदालत ने कहा कि आप नेता ने बीजेपी नेता के हिंदी में बयान दर्ज कराए जाने के लिए याचिका दायर की थी जबकि उन्हें अंग्रेजी में कोई समस्या नहीं है.


आशुतोष की याचिका को खारिज करते हुए मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दीपक सहरावत ने कहा कि आप नेता की याचिका ‘सुनवाई को पटरी से उतारने का एक प्रयास और अदालत के समय की बर्बादी है.’

अदालत ने कहा, ‘मौजूदा याचिका से ऐसा लगता है कि यह सुनवाई पटरी से उतारने और अदालत का समय जाया करने के सिवा और कुछ नहीं है. न तो याचिकाकर्ता के और न ही उसके वकील के बारे में कहा जा सकता है कि उन्हें अंग्रेजी भाषा में समस्या है.’

हिंदी में बयान दर्ज कराने का आवेदन अंग्रेजी में

अदालत ने यह भी कहा, ‘याचिकाकर्ता अंग्रेजी भाषा की पुस्तक ‘अन्ना: 13 डेज दैट अवेकंड इंडिया’ के लेखक हैं और उन्हें अंग्रेजी में इंटरव्यू देते हुए और अंग्रेजी समाचार चैनलों पर देखा जा सकता है’. कोर्ट ने कहा कि आवेदन भी अंग्रेजी में ही लिखा हुआ है.

अदालत ने सुनवाई में देरी करने के लिए दायर की गई याचिका का आरोप लगाते हुए आशुतोष पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. मजिस्ट्रेट ने यह राशि आर्मी वेलफेयर फंड बेटल केजुअल्टीज में जमा कराने का निर्देश दिया है.

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वर्ष 2015 में आशुतोष, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और अन्य आप नेताओं जिनमें कुमार विश्वास, संजय सिंह, राघव चड्ढा और दीपक वाजपेयी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया था.

इन सभी ने जेटली पर डीडीसीए में फंड की हेराफेरी का आरोप लगाया था जब वह 2000 से 2013 तक इसके अध्यक्ष थे.