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प्रणब मुखर्जी के इंटरव्यू पर विवाद, पूर्व राष्ट्रपति ने किया खंडन

प्रणब राष्ट्रपति से रिटायर होने के बाद विवादों से दूर रहने की कोशिश करते हैं

FP Staff

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के एक इंटरव्यू पर विवाद हो गया है. बंगाली टेबलॉयल 'ई-बेला' ने राष्ट्रपति के हवाले से छापा है कि वह देश की मौजूदा स्थिति से चिंतित हैं. उनका कहना है कि देश टूटने की ओर बढ़ रहा है. पूर्व राष्ट्रपति के ऑफिस ने इसका खंडन किया है.

पूर्व राष्ट्रपति के ऑफिस से जारी बयान में कहा गया कि पांच अक्टूबर के बंगाली समाचार पत्र 'ई-बेला' में प्रकाशित स्टोरी पूरी तरह बेबुनियाद और गलत है. उन्होंने इस बंगाली प्रकाशन को न तो कोई बयान दिया है और न ही इंटरव्यू.


'ई-बेला' की खबर ने खींचा ध्यान

'ई-बेला' में प्रणब मुखर्जी के हवाले से प्रकाशित खबर ने देश के अन्य मीडिया संगठनों का ध्यान इस ओर खींचा. उन्होंने बंगाली दैनिक के हवाले से पूर्व राष्ट्रपति के बयान पर खबर देनी शुरू कर दी. खबर में कहा गया कि मुखर्जी देश की मौजूदा स्थिति से खिन्न हैं. उन्होंने मौजूदा राजनीति पर रोष जाहिर किया, जो देश को टूटने की ओर ले जा रही है. बंगाली अखबार ने राष्ट्रपति के हवाले से प्रकाशित खबर में कहा, 'मैं इस माहौल में चुप नहीं बैठकर देश को ध्रुवीकरण की ओर बढ़ते नहीं देख सकता.' इसमें ये भी कहा गया कि मौजूदा राजनीति जानबूझकर असल मुद्दों से जनता का ध्यान बांटने की कोशिश कर रही है.

खास बातचीत की तरह छापा

बंगाली अखबार ने प्रणब से बातचीत को इस तरह दिया है कि उसने पूर्व राष्ट्रपति से खास बातचीत की है. एक सवाल में ये पूछा गया कि मौजूदा हालत में आप क्या कर सकते हैं, इस पर मुखर्जी को ये कहते बताया गया, 'वास्तव में यही इन दिनों मेरे दिमाग में चल रहा है.’

प्रणब का ट्वीट

पांच अक्टूबर को जब 'ई बेला' में राष्ट्रपति से खास बातचीत पर आधारित खबर प्रकाशित हुई तो इसकी खबर पूर्व राष्ट्रपति के आफिस तक भी पहुंची. छह अक्टूबर को दोपहर दो बजे के आसपास मुखर्जी के 10, राजाजी मार्ग स्थित सरकारी आवास से इस बातचीत के खंडन में बयान जारी किया गया. इसे फिर पूर्व राष्ट्रपति ने अपने ट्विटर हैंडल से जारी करते हुए कहा- मेरे आफिस से जारी इस बयान को पढ़ें. इसके साथ खंडन करने बयान की फोटो है.

विवादों से दूर रहने की कोशिश

प्रणब राष्ट्रपति से रिटायर होने के बाद विवादों से दूर रहने की कोशिश करते हैं. उनका इरादा अब फिर सक्रिय राजनीति में आने का नहीं है. अलबत्ता वह ट्विटर के माध्यम से जरूर सक्रिय रहते हैं.

[न्यूज़ 18 से साभार]