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विवादों की 'महारानी' भी थीं जयललिता

2014 में आय से अधिक संपत्ति के मामले में उन्हें जेल भी जाना पड़ा.

Ravi Dubey

तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री की लोकप्रियता पर कोई शक नहीं है लेकिन उनके जीवन में विवाद भी कम नहीं रहे. 2014 में आय से अधिक संपत्ति के मामले में उन्हें जेल भी जाना पड़ा. इस तरह के कई मामलों में फंसी जयललिता कंट्रोवर्सी से हमेशा घिरी रहीं. आपको बताते हैं जयललिता से जुड़े विवादित मामले.

1995: गोद लिए बेटे की विवादित शादी


शशिकला के भतीज वी.एन. सुधाकरन उनके गोद लिए बेटे हैं. उनकी शाही शादी करके जयललिता दुनिया की नजरों में आ गई थीं. 1995 में हुई इस शादी में करोड़ो रुपए खर्च किए गए थे. उस जमाने में यह शादी इतनी आलीशान थी कि इंडिया टुडे ने इसे ‘मदर ऑफ ऑल वेडिंग’ बताया था.

1996: कलर टीवी की खरीद का विवाद

जयललिता ने तमिलनाडु के ग्रामीणों को सामुदायिक शिक्षा और मनोरंजन की योजना के तहत रंगीन टीवी बांटे. आरोप लगा कि जयललिता ने ऊंचे दाम पर टीवी खरीदे और टीवी बनाने वालों से अधिकारियों के जरिए घूस लिए.

1996: जयललिता की साड़ियां और जूतियां

1996 में जब जयललिता को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया गया, तब उनके पास से साड़ियों, गहनों, जूतियों और घड़ियों का खजाना मिलने की खबर आई थी. उनके पास से लगभग 30 किलो हीरे जड़ित सोने के गहने, 10 हजार महंगी साड़ियां, 750 जोड़ी जूतियां, 91 डिजाइनर घड़ियां और 19 महंगी गाड़ियां बरामद की गई थी.

1998: तांसी जमीन सौदा

शशिकला और जयललिता के मालिनकाना हक वाले जया पब्लिकेशन्स ने तमिलनाडु की सरकारी कंपनी तांसी (तमिलनाडु स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन) की जमीन खरीदी. इस मामले में फैसला सुनाते हुए न्यायधीश पी अंभाजगन ने कहा था कि यह सौदा सरकार के साथ जानबूझकर धोखा देने की नीयत से किया गया है.

1999: अकाउंटेंट राजशेखरन की पिटाई

जयललिता के पूर्व अकाउंटेंट आर. राजशेखरन ने 1999 में जयललिता, उनकी सहयोगी शशिकला और शशिकला के भतीजे वी. महादेवन के खिलाफ जान से मारने की कोशिश करने का मामला दर्ज करवाया था.

रेडिफ डॉट कॉम में छपी खबर के अनुसार पुलिस से अपनी शिकायत में राजशेखरन ने कहा कि जयललिता ने उन्हें अपने पॉयस गार्डन वाले बंगले पर बुलाया. यहां जयललिता ने शशिकला और महादेवन के साथ मिलकर नुकीले जूतों और छड़ी से उनकी पिटाई की.

राजशेखरन ने यह भी आरोप लगाया कि उनसे जयललिता और शशिकला ने 50 लाख रुपए देने के शपथ पत्र पर दस्तखत भी करवाए हैं.

जयललिता ने बाद में एक बयान जारी कर इन तमाम आरोपों से इंकार किया था.

1999: 700 करोड़ रुपए का कोयला आयात घोटाला

1999 में जनता पार्टी के अध्यक्ष रहे सुब्रमण्यम स्वामी ने जयललिता के मुख्यमंत्री रहते 700 करोड़ रुपए के कोयला घोटाले का आरोप लगाया था. यह घोटाला तमिलनाडु इलेक्ट्रीसिटी बोर्ड के लिए विदेशी कोयला खरीदने में किया गया था.

इस मामले में 2 अप्रैल 1997 को आरोप पत्र दाखिल किया गया.

2000: कोडाइकनाल का होटल

जयललिता पर 2000 में कोडाइकनाल में ‘प्लेसेंट स्टे’ नाम के होटल के निर्माण को नियमों के विरुद्ध इजाजत देने का आरोप लगा. यह सात मंजिला होटल कोडाइकनाल के ब्लू विले इलाके में बना था.

इस मामले में जयललिता को दिसंबर 2001 में मद्रास हाईकोर्ट से राहत मिल गई थी.

2001: जब छोड़ना पड़ा सीएम पद

तांसी भूमि घोटाले का दोषी पाए जाने के बाद जयललिता को 21 सितंबर, 2001 में मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा. उन्हें जनप्रतिनिधित्व कानून (रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपल्स एक्ट) के तहत दोषी पाया गया था. इस कानून के अंतर्गत कोई भी दोषी नेता चुनाव लड़ने का अधिकार खो देता है. इसके बावजूद उस वक्त तमिलनाडु की राज्यपाल रही एम फातिमा बीवी ने जयललिता को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिला दी थी.

केंद्र सरकार की सलाह के बाद राज्यपाल को भी अपना पद छोड़ना पड़ा था.

2014: आय से अधिक संपत्ति

27 सितंबर 2014 को उन्हें एक बार फिर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा. 1991 से 1996 के दौरान मुख्यमंत्री रहते हुए जयललिता पर 66 करोड़ 65 लाख रुपए की संपत्ति बनाने का आरोप सिद्ध हुआ था. बंगलुरु की एक विशेष अदालत ने जयललिता को आय से अधिक संपत्ति मामले मे दोषी पाया था.

इस मामले में सजा सुनाते हुए कोर्ट ने जयललिता को 100 करोड़ का जुर्माना भरने का आदेश दिया था.