पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार संजय बारू की नामचीन किताब पर आधारित फिल्म, द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर, का ट्रेलर गुरुवार शाम को रिलीज़ होने के साथ ही घमासान शुरु हो गया है. एक तरफ जहां बीजेपी ने इस फिल्म के जरिए गांधी-परिवार पर निशाना साधा, तो वहीं कांग्रेस ने इसे आगामी लोकसभा चुनावों का 'राजनीतिक प्रचार' करार दिया.
और अब उत्तर प्रदेश के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राज्य में फिल्म को रिलीज नहीं होने देने की कसम खाई है. कार्यकर्ताओं ने ऐसे पोस्टर लगाए हैं जिसमें दावा किया गया है कि फिल्म में मनमोहन सिंह की छवि खराब करने की कोशिश की गई है.
कांग्रेस कार्यकर्ता राहुल अवस्थी द्वारा लखनऊ में कई प्रमुख जगहों पर लगाए गए पोस्टर में लिखा है, 'मोदी जी, लोग पिछले पांच वर्षों में आपकी उपलब्धियों के आधार पर आपको वोट देंगे, इसलिए नहीं कि आप किसी की छवि को खराब करते हैं. हम इस फिल्म को रिलीज़ नहीं होने देंगे क्योंकि यह 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले कांग्रेस की एक नकारात्मक छवि पेश करता है.'
न्यूज18 से बात करते हुए, राहुल ने कहा, '2017 में, फिल्म 'इंदु सरकार' के जरिए पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की छवि खराब करने की कोशिश की गई. अब, क्योंकि बीजेपी के पास पिछले पांच वर्षों में उनके किए गए कामों के संदर्भ में कुछ भी दिखाने के लिए नहीं है, तो वो अब इस इस स्तर पर काम कर रही है. हम इस फिल्म का विरोध करेंगे और इसे यहां रिलीज नहीं होने देंगे.'
यूपीसीसी के प्रवक्ता अंशु अवस्थी ने भी इसका समर्थन करते हुए कहा कि भगवा पार्टी को 2019 के चुनावों में लोगों से इस बात का जवाब मिलेगा. देश के पूर्व पीएम की छवि को खराब करने वाली फिल्में बनाने वाले फिल्म निर्माताओं को प्रायोजित करके बीजेपी अब और ज्यादा गिर गई है. अब यह साफ है कि बीजेपी ने पिछले पांच सालों में कुछ भी नहीं किया है. बीजेपी की साजिश सामने आ गई है और लोग 2019 में उन्हें करारा जवाब देंगे.'