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'स्वच्छ भारत' नाकाम, विज्ञापनों के जरिए सच्चाई दबाने की कोशिश: कांग्रेस

कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी सरकार के स्वच्छ भारत अभियान को पूरी तरह विफल करार दिया है.

Bhasha

कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी सरकार के स्वच्छ भारत अभियान को पूरी तरह विफल करार दिया और आरोप लगाया कि सरकार विज्ञापनों के जरिए इस सच्चाई को दबाने की कोशिश कर रही है.


पार्टी के एक वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने एक बयान में कहा, 'कई अन्य योजनाओं और कार्यक्रमों की तरह मोदी जी ने यूपीए सरकार के 'निर्मल भारत अभियान' में थोड़ा फेरबदल किया और 'स्वच्छ भारत अभियान' की शुरुआत की. चार साल में कार्यक्रम ठीक से जमीन पर भी न उतर पाया और मोदी जी के अन्य कार्यक्रमों की तरह स्वच्छ भारत अभियान भी पूरी तरह विफल हो गया.'

सरकारी पैसे का दुरुपयोग

उन्होंने कहा, 'सरकारी पैसे का दुरुपयोग करते हुए बड़े पैमाने पर शौचालयों का निर्माण किया गया, जबकि सच्चाई ये है कि कई स्थानों में पानी की कमी के कारण शौचालयों का इस्तेमाल ही नहीं हो रहा है. इसका उल्लेख कैग ने भी अपनी रिपोर्ट में किया है. ग्रामीण विकास से संबंधित लोकसभा की समिति ने जुलाई 2018 की रिपोर्ट में स्पष्ट कहा है कि स्वच्छता से संबंधित आंकड़े सिर्फ कागजी हैं और इनका हकीकत से कोई वास्ता नहीं है.'

रमेश ने कहा, 'साल 2016 -17 में स्वच्छता मिशन के लिए पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय ने 14000 करोड़ रुपए की मांग की थी, जबकि आवंटित सिर्फ 9000 करोड़ रुपए ही हुए. इस पर जब मंत्रालय ने आपत्ति जताई तो राशि को बढाकर 10500 करोड़ रुपए कर दिया गया था, हालांकि वो भी निर्धारित जरूरत से काफी कम था. इसमें भी मई 2018 तक राज्यों के जरिए 9890 करोड़ रुपए की धनराशि खर्च नहीं हुई.'

उन्होंने आरोप लगाया, 'मोदी सरकार विज्ञापनों के माध्यम से स्वच्छ भारत अभियान की सच्चाई को दबाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है.'