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राफेल की रिपोर्ट पर बोली कांग्रेस: कैग भगवान नहीं, संसद सर्वोच्च है

पी चिदंबरम ने कहा, 'अगर आप राफेल से जुड़ी कैग रिपोर्ट के 33 पन्नों को पढ़ेंगे तो सौदे के कई छिपे पहलुओं के बारे में पता चलेगा.'

Bhasha

कांग्रेस ने राफेल विमान सौदे से जुड़ी रिपोर्ट को लेकर नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) की आलोचना करते हुए गुरुवार को कहा कि कैग कोई भगवान नहीं है और इस मामले की छानबीन संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से ही सकती है क्योंकि संसद सर्वोच्च है.

पार्टी के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा, 'अगर आप राफेल से जुड़ी कैग रिपोर्ट के 33 पन्नों को पढ़ेंगे तो सौदे के कई छिपे पहलुओं के बारे में पता चलेगा. इसमें विमानों की संख्या, कीमत और आपूर्ति के समय जैसे पहलू शामिल हैं. इन्हें पढ़ने के बाद आपको निराशा होगी.'


उन्होंने कहा, 'कैग रिपोर्ट में जो कहा गया है उस संदर्भ में यह महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि जो नहीं कहा गया है उसको लेकर यह रिपोर्ट महत्वपूर्ण है.'

पूर्व वित्त मंत्री ने आरोप लगाया, 'कैग ने ऐसी रिपोर्ट सौंपी जिसमें कोई उपयोगी जानकारी, विश्लेषण या निष्कर्ष का उल्लेख नहीं है. कैग ने देश के लोगों को निराश कर दिया.' उन्होंने दावा किया कि सरकार इस मामले में तथ्यों को छिपानी चाहती है और कैग ने उसकी मर्जी के मुताबिक काम किया है.

एक सवाल के जवाब में चिदंबरम ने कहा, ‘कैग भगवान नहीं है. उसने एक रिपोर्ट दी है. संसद सर्वोच्च है. संसद रिकॉर्ड की जांच कर सकती है और निष्कर्ष निकाल सकती है. संसद सत्र के आखिरी दिन कैग की रिपोर्ट पेश की गई ताकि लोकलेखा समिति इस पर विचार नहीं कर सके.’ एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कैग ने अपना ‘मजाक’ बनवाने दिया है.

गौरतलब है कि कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 36 लड़ाकू राफेल विमानों की खरीद के लिए राजग सरकार ने फ्रांस की कंपनी दसाल्ट के साथ जो सौदा किया वह इन विमानों की खरीद के लिए 2007 में की गई तत्कालीन UPA सरकार की वार्ता पेशकश की तुलना में 2.86 फीसदी सस्ता है. हालांकि, रिपोर्ट में इन विमानों की कीमतों का जिक्र नहीं है.