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पंजाब चुनाव 2017: आप के खिलाफ कांग्रेस खेलेगी 'बिहारी बनाम बाहरी' का दांव

बिहार में बिहारी बनाम बाहरी के नारे के तर्ज पर ही प्रशांत किशोर पंजाब में आउटसाइडर बनाम इनसाइडर की बहस को हवा देंगे

Debobrat Ghose

बिहार में 2015 के विधानसभा चुनाव से ऐन पहले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के दिए गए एक बयान से सूबे में बीजेपी की सियासी उम्मीदों को गहरा झटका लगा था .

तब एक इंटरव्यू में मोहन भागवत ने कहा था, 'आरक्षण आर्थिक आधार पर दिया जाना चाहिए.'


इधर आरएसएस प्रमुख का बयान आया नहीं कि उधर नीतीश कुमार के सियासी रणनीतिकारों ने इस मुद्दे को फौरन लपक लिया और इसे सियासी रंग देने में भी कोई देरी नहीं की. तब इस सियासी दांव के पीछे मुख्यमंत्री के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर का दिमाग था जो फिलहाल उत्तर प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड में होने वाले चुनावों में कांग्रेस पार्टी के लिए काम कर रहे हैं.

प्रशांत किशोर की अगली योजना आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया के उस बयान को सियासी रंग देने की है जिसमें उन्होंने कहा था कि पंजाब में अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री का चेहरा होंगे. दरअसल, बिहार में ‘बिहारी बनाम बाहरी’ के नारे के तर्ज पर ही प्रशांत किशोर पंजाब में ‘आउटसाइडर बनाम इनसाइडर’ की बहस को हवा देकर, बिहार की चुनावी कामयाबी पंजाब में भी दुहराना चाहते हैं.

सिसोदिया के बयान पर विपक्षियों ने दी तीखी प्रतिक्रिया

गौरतलब है कि दिल्ली के उप मुख्यमंत्री ने 10 जनवरी को कहा था कि जनता ये समझकर मतदान करे कि अरविंद केजरीवाल ही पंजाब के मुख्यमंत्री होंगे. सिसोदिया के बयान पर सत्ताधारी शिरोमणी अकाली दल और कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया जताई थी.

मनीष सिसोदिया ने कुछ दिन पहले ये कहकर हलचल मचा दी थी कि पंजाब में सीएम केजरीवाल हो सकते हैं

पंजाब में शिरोमणी अकाली दल और कांग्रेस के लिए आम आदमी पार्टी ने सियासी मुकाबले को और दिलचस्प बना दिया है. इसकी वजह ये है कि एक तो पार्टी दिल्ली विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत से उत्साहित है, तो दूसरी ओर पार्टी के जो चार सांसद संसद में हैं वो पंजाब से ही चुने गए हैं.

यही वजह है कि पंजाब कांग्रेस और प्रशांत किशोर की I-PAC टीम ने सिसोदिया के बयान को ‘आउटसाइडर बनाम इनसाइडर ’ की बहस में तब्दील करने की रणनीति बनाई है. वो इस मुद्दे को जनता के पास ले जाना चाहते हैं.

फर्स्टपोस्ट को कांग्रेस रणनीतिकारों की टीम के बेहद करीब सूत्र ने बताया कि, 'पंजाब कांग्रेस और इसके प्रमुख कैप्टर अमरिंदर सिंह की पूरी ब्रांडिंग ही पंजाब, पंजाबी और पंजाबियत के इर्द-गिर्द की गई है. ताकि पंजाब के मतदाताओं पर इसका भरपूर असर हो सके. ''पंजाबी बनाम गैर पंजाब'' की भावना को ज्यादा से ज्यादा प्रचारित किया जाएगा.'

पंजाब कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह ने  'चांदा है पंजाब, कैप्टन दी सरकार', 'कॉफी विद कैप्टन' जैसे कई लोकप्रिय नारों और कार्यक्रमों से अपने चुनावी प्रचार को जोशीला और आक्रामक बनाने का काम किया है.

इनसाइडर बनाम आउटसाइडर की रणनीति 

समूचे पंजाब में कांग्रेस अपनी स्वीकार्यता को बढ़ाने में जुटी हुई है. तभी पार्टी ने ‘इनसाइडर बनाम आउटसाइडर’ जैसे मुद्दे का राग अलापना शुरू किया है. पार्टी के लिए नई सियासी गीत के बोल हैं - 'गैरों दा हाथ डोर ना देनी, गैर तां होंदे गैर...घर दा बंदा होवे जेहरा, घर दी मांगे खैर...मिट्टी की रग-रग जाने, अगला पिछला सब पहचाने.'

कांग्रेस पार्टी कैप्टन अमरिंदर सिंह की पंजाबी छवि को भुनाने की कोशिश में है

अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब कांग्रेस की टीम - जिसे I-PAC मदद कर रही है - इस सियासी गीत की मूल धारणा को हर मंच पर ले जाने की योजना बना रही है. सोशल मीडिया से लेकर जनसभा, बड़े स्तर पर आयोजित किया गया मेल मिलाप कार्यक्रम, हर दरवाजे पर पहुंच कर चुनाव प्रचार, कार्टून, स्केच, नारे और यहां तक कि जनता की रायशुमारी के जरिए भी इस बहस को आगे बढ़ाने की योजना है.

पंजाब प्रदेश कांग्रेस के करीबी सूत्र ने बताया कि,'पार्टी फेसबुक, ट्विटर और वॉट्स ऐप के जरिए पंजाबियत के साथ-साथ ‘इनसाइडर बनाम आउटसाइडर सीएम’ के बहस को भी जोर शोर से प्रचारित करेगी. हम सभी जन सभाओं और रैलियों में लोगों से इस बात के लिए रायशुमारी कराने जा रहे हैं कि मुख्यमंत्री पंजाबी होना चाहिए या फिर बाहरी?

क्या ये रणनीति बादल के खिलाफ कारगर होगी

कांग्रेस के पास इस सवाल का भी उत्तर है. कांग्रेस ने शिरोमणी अकाली दल और बादल को घेरने के लिए भी एक नारे को गढ़ा है .

कांग्रेस के एक सूत्र के मुताबिक,  'बादल पंजाबी हैं और इनसाइडर भी लेकिन हम शिरोमणी अकाली दल सरकार के खिलाफ सरकार विरोधी लहर की ओर देख रहे हैं. पंजाब की जनता कुशासन, लचर शासन-व्यवस्था, अपराध और ड्रग्स की लत में बढ़ोतरी होने से तंग आ चुकी है. लिहाजा पंजाब का नेतृत्व एक पंजाबी के हाथ में होना चाहिए और ऐसा शख्स पंजाब दा कैप्टन अमरिंदर सिंह हैं.