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जल्द ही बीजेपी में शामिल हो सकते हैं पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे

10 साल से ज्यादा समय तक कांग्रेस में रहने के बाद राणे फिर एक बार पार्टी बदल सकते हैं

FP Staff

पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता नारायण राणे के बारे में पिछले कई महीने से यह कयास लगाया जा रहा है कि वो बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. उन्होंने रविवार को फिर से इसके स्पष्ट संकेत दिए. सिंधुदुर्ग जिला कांग्रेस कार्यकारिणी को बर्खास्त करने से नाराज राणे ने प्रदेश अध्यक्ष अशोक चव्हाण और महाराष्ट्र प्रभारी मोहन प्रकाश पर जमकर हमला बोला.

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे ने कांग्रेस पर उस ‘अन्याय’ के लिए हमला बोला जो उसने उन पर और उनके समर्थकों पर किए हैं. राणे ने इसके साथ ही पार्टी छोड़ने का भी संकेत दिया जिसमें वह 12 वर्ष पहले शामिल हुए थे.


राणे ने कहा कि उनके समर्थक आगामी पंचायत चुनाव ‘समर्थ विकास पैनल’ से लड़ेंगे.

उन्होंने अपने समर्थकों की एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि वह 21 सितंबर को एक संवाददाता सम्मेलन में ‘एक नई दिशा में जाने’ के निर्णय की घोषणा करेंगे.

उन्होंने अपने समर्थकों से कहा, ‘21 सितंबर को हम एक नयी दिशा में जाने का निर्णय करेंगे. राणे ने यह बात इन संकेतों के बीच कही कि वह अपने पुत्रों निलेश (पूर्व सांसद) और नितेश (पूर्व विधायक) के साथ बीजेपी में शामिल हो सकते हैं.

उन्होंने घोषणा की कि उनके समर्थक आगामी पंचायत चुनाव ‘समर्थ विकास पैनल’ के तहत लड़ेंगे. उन्होंने कहा, ‘हमें यह चुनाव जीतना है और अपनी ताकत दिखानी है. कांग्रेस ने हमारे साथ अन्याय किया.’ मराठा नेता और पूर्व शिवसेना नेता राणे ने अपने गृह जिले सिंधूदुर्ग में जिला कांग्रेस कमेटी भंग करने के निर्णय के लिए प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अशोक चव्हाण और महाराष्ट्र के लिए कांग्रेस के प्रभारी मोहन प्रकाश पर भी निशाना साधा.

राणे ने कहा, ‘यदि कांग्रेस हमें नहीं चाहती हम इस पर विचार करेंगे. मैं 21 सितंबर को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करूंगा. नवरात्रि के पहले दिन मैं निर्णय की घोषणा करूंगा.’ राणे ने आदर्श हाउजिंग सोसाइटी घोटाले की ओर इशारा किया जिसके कारण चव्हाण को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. उन्होंने कहा, ‘चव्हाण की एक ‘आदर्श’ विचारधारा है. ‘आदर्श’ उनका पसंदीदा शब्द है.’

शिवसेना से शुरू की थी राजनीति

सिंधुदुर्ग तटीय महाराष्ट्र में स्थित है. यह राणे का गृह जिला है. समझा जाता है कि स्थानीय कांग्रेस संगठन के ज्यादातर पदाधिकारी उनके करीबी हैं. चव्हाण ने शनिवार को सिंधुदुर्ग में पार्टी की जिला और ब्लॉक स्तरीय समितियों को भंग करने का फैसला किया था.

इससे पहले अगस्त में राणे की अमित शाह से मुलाकात की भी खबर आई थी.

नारायण राणे की राजनीतिक जिंदगी की शुरुआत शिवसेना से हुई. बाल ठाकरे के आर्शीवाद से वो महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री भी बने. लेकिन 2005 में जब बाल ठाकरे से ठन गई तो वो इस शर्त पर कांग्रेस में शामिल हो गए कि सत्ता में वापसी पर कांग्रेस उन्हें फिर मुख्यमंत्री बनाएगी. लेकिन राणे का दुबारा मुख्यमंत्री बनने का सपना पूरा नहीं हो सका. 10 साल से ज्यादा समय तक कांग्रेस में रहने के बाद राणे फिर एक बार पार्टी बदल सकते हैं.