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जम्मू कश्मीर विवाद: कांग्रेस ने प्रधानमंत्री से अपनी नीति स्पष्ट करने को कहा

कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि सरकार सैन्य कार्रवाई के पक्ष में है या बातचीत के स्पष्ट करे

Bhasha

कांग्रेस ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि कश्मीर घाटी में दिनों दिन स्थिति बिगड़ने के बावजूद प्रधानमंत्री इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं और सरकार को कश्मीर के मामले में अपनी नीति स्पष्ट करनी चाहिए कि वह सैन्य कार्रवाई के पक्ष में है या बातचीत के.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि कश्मीर में ‘रोज घुसपैठिए आकर हमला करते हैं. ये तो बहुत दुखद बात है. हमें याद है बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा था कि यदि मोदी प्रधानमंत्री बने तो पाकिस्तान के घुसपैठियों की सीमा पार करने की हिम्मत नहीं होगी.’


उन्होंने कहा, ‘अमित शाह जी बताएं हमें कि अब पाकिस्तान की हिम्मत कैसे बढ़ गई है?’ उन्होंने कहा कि यूपीए के शासनकाल में बीजेपी कहती थी कि आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते. ‘लेकिन अब आतंकवाद और जन्मदिन कैसे साथ साथ चल सकते हैं’ इस बारे में प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए.

आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते

कपिल सिब्बल ने कहा कि पहले कश्मीर के हालात आज से बहुत बेहतर थे. ‘यूपीए सरकार ने एक ठोस नीति का पालन किया था. तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह दस साल में एक भी बार पाकिस्तान नहीं गए क्योंकि वह कहते थे कि आतंकवाद और बातचीत साथ नहीं चल सकते.‘

सिब्बल ने कहा, ‘मोदी तो पाकिस्तान भी हो आए. जन्मदिन भी मना लिया. इनकी कोई नीति नहीं है और कहते हैं कि हम कोई बात नहीं करेंगे.’

उन्होंने कहा कि आज कश्मीर में स्कूल, कॉलेज के बच्चे सड़क पर आ गए हैं. ऐसा तो कभी नहीं हुआ. ये देश के सामने गंभीर सवाल है कि बच्चे सड़कों पर आ जाएं तो कहीं ना कहीं सरकार को इस बारे में सोचना चाहिए कि ऐसा हुआ क्यों? ऐसा पहले तो नहीं हुआ.

कांग्रेस नेता ने कहा ‘शोपिया में 4000 सैनिक आतंकवाद निरोधक तलाशी अभियान चला रहे हैं. इससे पहले यह अभियान 1990 में हुआ था, जिसे 27 साल हो चुके हैं.’

उन्होंने कहा, ‘सरकार की नीति स्पष्ट नहीं है. कुछ तय नहीं हो रहा है, कुछ बात नहीं हो रही है. प्रधानमंत्री जी भी चुप हैं. वहां पथराव हो रहा है. बैंक लूट हो रही है. मई में 3 ऐसे मामले हुए हैं. प्रधानमंत्री कुछ नहीं बोल रहे.‘