तीन तलाक केस की सुनवाई के लिए पांच जजों की सदस्यता वाली संवैधानिक पीठ की अध्यक्षता मुख्य न्यायाधीश(सीजेआई) जेएस खेहर करेंगे. इस पीठ में सीजेआई खेहर के अलावा जस्टिस कुरियन जोसफ, आरएफ नरीमन, यूयू ललित और अब्दुल नजीर भी शामिल हैं.
कब होगी सुनवाई
संवैधानिक पीठ गुरुवार को सुबह साढ़े 10 बजे से तीन तलाक पर सुनवाई शुरू करेगी. इसमें शामिल पांचों जज सिख, ईसाई, पारसी, हिंदू और मुस्लिम समुदायों का प्रतिनिधित्व करते हैं.
एक सप्ताह पहले वरिष्ठ वकील और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद को इस मामले में कोर्ट की मदद के लिए अमिकस क्यूरी नियुक्त किया गया था. अब उच्चतम न्यायालय ने संवैधानिक पीठ का गठन किया है.
तीन तलाक की प्रथा मुस्लिम व्यक्ति को अपनी पत्नी को तीन बार तलाक कहकर शादी खत्म करने का अधिकार देती है. इस प्रथा को लेकर हाल ही में सार्वजनिक मंचों पर काफी बहस देखने को मिली है. मुस्लिम नेताओं का कहना है कि तीन तलाक की वैधता पर सवाल उठाना उनके धार्मिक कानून में दखल है.
वहींं इस मुद्दे पर मोदी सरकरी का कहना है कि इस मसले को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखना चाहिए. पीएम मोदी ने कहा था कि वो देश में मुस्लिम बेटियों की तकलीफ के खिलाफ लड़ेंगे. साथ ही उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार इस पुराने पड़ चुके कानून को समाप्त करेगी.
कानूनी जानकारों ने बताया कि मुसलमान सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करेंगे लेकिन इससे मुस्लिम पर्सनल लॉ से जुड़ाव कम नहीं होगा.
जमियत उलेमा-ए-हिंद के नेता मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि लोग कोर्ट से राहतभरे कदम उठाने की मांग कर सकते हैं. इसी तरह से अन्य लोग अपने घरों और निजी जिंदगी में पर्सनल लॉ से मशविरा लेने के लिए आजाद हैं.