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'सिविल सेवा के लिए मैकेनिकल इंजीनियर्स से बेहतर हैं सिविल इंजीनियर्स'

त्रिपुरा के सीएम बिप्लब देब अपने विवादित बयान के लिए एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं.

FP Staff

त्रिपुरा के सीएम बिप्लब देब अपने विवादित बयान के लिए एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं. अपने ताज़ा बयान में उन्होंने कहा कि मेकैनिकल इंजीनियर्स की तुलना में सिविल इंजीनियर्स, सिविल सर्विसेज़ के लिए बेहतर हैं. उन्होंने कहा 'सिविल इंजीनियर्स को सिविल सर्विसेज़ ज्वाइन करना चाहिए क्योंकि उनके पास समाज को बेहतर बनाने का पहले से ही अनुभव होता है.'

स्थानीय मीडिया के अनुसार बिप्लब देब 'सिविल सर्विसेज़ डे' के मौके पर अगरतला में एक समारोह में बोल रहे थे वहां उन्होंने कहा "अगर कोई सिविल इंजीनियर आईएएस बनता है तो वो प्रोजेक्ट्स को बनाने में मदद कर सकता है लेकिन मेकैनिकल इंजीनियर्स नहीं कर सकते." वह यहीं नहीं रुके आगे उन्होंने कहा कि मेकैनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद सिविल सर्विसेज़ में नहीं आना चाहिए. सिविल इंजीनियरिंग इस तरह का ज्ञान देता है कि सिविल इंजीनियर्स के पास प्रशासन और समाज को बेहतर बनाने का अनुभव होता है.


उन्होंने कहा कि पहले एक समय था जब आर्ट साइड के स्टूडेंट सिविल सर्विसेज़ की तैयारी किया करते थे लेकिन अब मेडिकल व इंजीनियरिंग के छात्र भी इसे ज्वाइन कर रहे हैं. आगे उन्होंने कहा कि सिविल सर्विस ऑफीसर को ऑल राउंडर होना चाहिए. जो लोग ऑल राउंडर हैं उनकी काफी मांग है.

अपनी बात को सिद्ध करने के लिए उन्होंने कपिल देव और सचिन तेंदुलकर का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा कि कपिल देव अच्छी बॉलिंग करते थे लेकिन उनकी बैंटिंग भी अच्छी थी.

डाक्टरों के बारे में भी उन्होंने कहा कि अगर कोई डॉक्टर है तो वो सिविल सर्विस के पद पर अपने इस नॉलेज को यूज़ कर सकता है. त्रिपुरा इन्फोवे के अनुसार उन्होंने कहा 'अगर कोई डॉक्टर है तो वो किसी मरीज़ को ठीक करने के लिए तुरंत अपने नॉलेज को यूज़ कर सकता है.'

दो दिन पहले वो डायना हेडेन पर टिप्पणी करके सुर्खियों में आ गए थे. उन्होंने डायना हेडेन को ऐश्वर्या राय से तुलना करते हुए कहा था कि भारतीय सुंदरता लक्ष्मी और सरस्वती जैसी होनी चाहिए. डायना हेडेन के अंदर मिस वर्ल्ड को जीतने की योग्यता नहीं थी. दरअसल ये कुछ अंतरराष्ट्रीय कंपनियों की सोची समझी रणनीति थी. जबकि ऐश्वर्या राय की जीत उचित थी क्योंकि वो भारतीय नारी का प्रतिनिधित्व करती हैं. हालांकि बाद में इसके लिए उन्होंने माफी मांग ली थी.

ये उस बयान के तुरंत बाद आया था जिसमें बिप्लब देब ने कहा था कि इंटरनेट महाभारत काल से भारत में था. संजय ने युद्ध के मैदान से दूर बैठकर भी धृतराष्ट्र को कुरुक्षेत्र का सारा हाल बता दिया था.