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चीन: राष्ट्रगान का 'दुरुपयोग' करने वालों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाएगी सरकार

चीन की सरकार ने राष्ट्रगान का दुरुपयोग करने वाले को आपराधिक मुकदमे का सामना करने या 15 दिन की हिरासत में भेज सकती है.

FP Staff

जहां भारत में राष्ट्रगान जन गण मन और राष्ट्रगीत वंदे मातरम को लेकर आए दिन एक नए आदेश आ रहे हैं. देश में सिनेमाहॉलों में राष्ट्रगान कब का अनिवार्य कर दिया गया और वंदे मातरम को भी अनिवार्य करने की बहसें छिड़ी हुई हैं, वहीं चीन से राष्ट्रगान को लेकर एक खबर आई है, जो राष्ट्रगान की अनिवार्यता पर यहां भी बहस छेड़ सकती है.

चीन राष्ट्रगान का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाकर ‘अनुचित’ निजी अवसरों में इसके इस्तेमाल को बैन करने के लिए एक सख्त कानून का मसौदा तैयार कर रहा है.


सोमवार को जारी एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मसौदा कानून को दूसरी बार अध्ययन के लिए शीर्ष वैधानिक संस्था नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) स्टैंडिंग कमिटी के दोमाही सत्र को दिया गया था, जिसे आज शुरू किया गया.

सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ की रिपोर्ट के अनुसार सांसदों ने अंतिम संस्कार और दूसरे ‘अनुचित’ निजी अवसरों, व्यावसायिक विज्ञापनों या सार्वजनिक स्थानों में बजने वाले पार्श्व संगीत के रूप में राष्ट्रगान के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव का समर्थन किया है.

रिपोर्ट के अनुसार, दुर्भावना से राष्ट्रगान के बोल के साथ छेड़छाड़ करने वालों सहित सभी उल्लंघनकर्ताओं को आपराधिक मुकदमे का सामना करना होगा या 15 दिन की हिरासत में भेजा जाएगा.

इसके अनुसार, केवल एनपीसी सत्रों के उद्घाटन और समापन, संवैधानिक शपथ ग्रहण समारोहों, ध्वजारोहण समारोह, स्मरणोत्सव, राष्ट्रीय महत्वपूर्ण तारीखों और दूसरे उचित अवसरों सहित औपचारिक राजनीतिक सभाओं में ही राष्ट्रगान की इजाजत होगी.

इन प्रतिबंधों के अलावा कानून में लोगों को अपनी देशभक्ति दिखाने के लिए उचित अवसरों पर राष्ट्रगान गाने के लिए प्रोत्साहित किया गया है. कानून में कहा गया है कि राष्ट्रगान को प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों के छात्रों की पाठ्यपुस्तकों में शामिल किया जाना चाहिए.

भारत में ये तो बहुत सामान्य है. भारत में राष्ट्रगान और वंदे मातरम बहुत निचले स्तर से सिखाया-पढ़ाया जाता रहा है. किताबों के पीछे वंदे मातरम और जन-गण-मन छपा होता है. लेकिन इन्हें विशेष जगहों पर अनिवार्य करने का विचार इधर आया है. लेकिन क्या इस आदेश के बाद ये सवाल नहीं उठता कि राष्ट्रगान या वंदे मातरम का दुरुपयोग नहीं होगा? क्या भारत में भी इसपर सोचे जाने की जरूरत है?

(भाषा के इनपुट के साथ)