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चिदंबरम की पूर्व राष्ट्रपति को सलाह- RSS को बताएं क्या 'गलत' है उनकी विचारधारा में

अभिषेक सिंघवी ने कहा कि पार्टी इस पर कोई प्रतिक्रिया देने से पहले मुखर्जी का रूख जानना चाहेगी

Bhasha

कांग्रेस के नेताओं ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से नागपुर में आरएसएस के कार्यक्रम में शामिल होने के फैसले को ‘धर्मनिरपेक्षता के हित’ में वापस लेने का आग्रह किया है.

केरल से कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता रमेश चेन्नितला ने मुखर्जी को एक पत्र लिखकर इस कार्यक्रम में शामिल होने से बचने का आग्रह किया जबकि पश्चिम बंगाल कांग्रेस के प्रमुख अधीर चौधरी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वी हनुमंत राव ने भी इसी तरह के आग्रह किए.


मुखर्जी को सात जून को नागपुर में संगठन के मुख्यालय में आयोजित होने वाले आरएसएस कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण शिविर (संघ शिक्षा वर्ग) के समापन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया है.

आएसएस के एक पदाधिकारी के मुताबिक पूर्व राष्ट्र्पति ने संघ के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति ने अब आमंत्रण स्वीकार कर लिया है तो उन्हें जाना चाहिए और आरएसएस को यह बताए कि उनकी विचारधारा में ‘क्या गलत है.’

उनकी पार्टी के सहयोगी अभिषेक सिंघवी ने कहा कि पार्टी इस पर कोई प्रतिक्रिया देने से पहले मुखर्जी का रूख जानना चाहेगी.

आरएसएस रिमोट कंट्रोल के जरिए चलाता है सरकार

केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता चेन्नीथला ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) धार्मिक आधार पर देश को बांटने का प्रयास कर रहा है और रिमोट कंट्रोल के जरिए सरकार चलाना चाहता है.

चेन्नितला ने अपने पत्र में कहा ,‘एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जिसने हमारे देश के प्रथम नागरिक और धर्मनिरपेक्षता के महान दूत के रूप में कार्य किया है , मैं आपको 7 जून ,2018 को आरएसएस की बैठक में भाग लेने के अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने का अनुरोध करता हूं.’

आरएसएस को सांप्रदायिक संगठन बताते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि उनका दृष्टिकोण ‘हिन्दु राष्ट्र’ का निर्माण करना है.

अधीर चौधरी ने आरएसएस के कार्यक्रम में शिरकत करने के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के फैसले पर हैरानी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि वह इस निर्णय को भगवा संगठन के खिलाफ मुखर्जी की पिछली टिप्पणियों से नहीं जोड़ पा रहे हैं. मुखर्जी को आरएसएस कार्यक्रम में भाग लेने का फैसला वापस लेना चाहिए.