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विधानसभा चुनाव प्रचार में उतरे पीएम, BJP को ‘मोदी मैजिक’ पर भरोसा

मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिजोरम और तेलंगाना में चुनाव का बिगुल बजने के बाद अब चुनाव प्रचार जोर पकड़ने लगा है.

Amitesh

मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिजोरम और तेलंगाना में चुनाव का बिगुल बजने के बाद अब चुनाव प्रचार जोर पकड़ने लगा है. सबसे पहले छत्तीसगढ़ में ही 12 और 20 नवंबर को दो चरणों में मतदान होना है, लिहाजा, वहां चुनावी सरगर्मी ज्यादा बढ़ गई है. दीपावली के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी चुनाव प्रचार में उतर रहे हैं. बीजेपी के स्टार प्रचारक मोदी विधानसभा चुनाव के लिए अपने प्रचार अभियान की शुरुआत 9 नवंबर को छत्तीसगढ़ के जगदलपुर से कर रहे हैं.

छत्तीसगढ़ से चुनाव अभियान का आगाज


नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग की 18 सीटों के लिए 12 नवंबर को पहले चरण में मतदान होना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बस्तर संभाग के जगदलपुर से ही अपनी रैली का आगाज कर रहे हैं. हालांकि दूसरे चरण में 20 नवंबर को छत्तीसगढ़ की 72 विधानसभा सीटों के लिए मतदान होना है. प्रधानमंत्री दूसरे चरण के चुनाव प्रचार के लिए 12, 16 और 18 नवंबर को छत्तीसगढ़ में होंगे. 12 नवंबर को प्रधानमंत्री की रैली बिलासपुर और रायगढ़ में होगी, जबकि, 16 नवंबर को अंबिकापुर में और 18 नवंबर को महासंमद में मोदी की रैली होगी. इस तरह छत्तीसगढ़ में मोदी की पांच रैलियां होंगी.

राजस्थान में मोदी की दस रैलियां

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजस्थान में भी रैली का कार्यक्रम तय हो गया है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, मोदी 23 नवंबर से 4 दिसंबर के बीच पांच दिन राजस्थान के दौरे पर होंगे. इस दौरान वो दस रैलियों को संबोधित करेंगे. राजस्थान में 7 दिसंबर को सभी 200 सीटों पर एक ही चरण में चुनाव होना है. उसके पहले 23 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अलवर में पहली रैली करेंगे. इसके तीन दिन बाद 26 नवंबर को उनकी दूसरी रैली जयपुर और भीलवाड़ा में तय हुई है.

अगले दिन फिर 27 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो चुनावी रैलियों को संबोधित करेंगे. यह रैली नागौर और कोटा में होगी. मोदी की लगातार तीसरे दिन 28 नवंबर को दो चुनावी रैलियां होगी जो कि डुंगरपुर के बैणेश्वर धाम और दौसा में होगी. इसके बाद अपने चुनाव प्रचार के आखिर में 4 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हनुमानगढ़, सीकर और जोधपुर में तीन चुनावी रैलियों को संबोधित करेंगे.

हालांकि 28 नवंबर को होने वाले मध्यप्रदेश और मिजोरम के अलावा 7 दिसंबर को होने वाले तेलंगाना चुनाव को लेकर अभी प्रधानमंत्री के दौरे की तारीख तय नहीं हुई है. लेकिन, इतना तय है कि मोदी का दौरा इन राज्यों में भी होगा. खासतौर से मध्यप्रदेश में जहां बीजेपी और कांग्रेस में कांटे की टक्कर बताई जा रही है.

बीजेपी को मोदी से आस

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीजेपी के स्टार प्रचारक हैं. लोकसभा चुनाव 2014 से पहले जब उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया था, उस वक्त से ही मोदी की डिमांड सबसे ज्यादा रहती है. 2013 के मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान विधानसभा के चुनाव में भी उस वक्त बीजेपी को बड़ी जीत मिली थी. राजस्थान और मध्यप्रदेश में मिली एकतरफा जीत को भी मोदी लहर के कारण मिली जीत माना गया था. क्योंकि उस वक्त प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के तौर पर मोदी की लोकप्रियता चरम पर थी और मोदी के मैजिक और उनके कद के सामने वसुंधरा और शिवराज का कद काफी बौना पड़ गया था.

उसके बाद लोकसभा चुनाव और फिर दूसरे राज्यों के विधानसभा चुनाव में भी स्टार प्रचारक मोदी ही रहे. मोदी का जादू हर जगह चला. यूपी में जहां से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा सांसद भी हैं, विधानसभा चुनाव में मोदी लहर दिखा और एक साल पहले तक बतौर किसी नेता को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए बीजेपी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी. यहां तक कि उनके संसदीय क्षेत्र बनारस में भी बीजेपी की जीत को लेकर शंका जताई जाने लगी थी, लेकिन, उस वक्त जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव प्रचार में मैदान में उतरे, तो फिर माहौल ही बदल गया.

अब बीजेपी एक बार फिर कुछ इसी तरह के करिश्मे की उम्मीद कर रही है. अगर बात छत्तीसगढ़ की करें तो वहां पिछले 15 सालों से बीजेपी सत्ता में है. एंटीइंबेंसी का सामना कर रही बीजेपी को उम्मीद मायावती और अजीत जोगी के हाथ मिलाने से है. लेकिन, कुछ सीटों पर इस गठबंधन से परेशानी तो बीजेपी को भी हो रही है. छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पांच चुनावी रैलियों को संबोधित करना यह दिखाता है कि बीजेपी इस बार विधानसभा चुनाव को कितनी गंभीरता से ले रही है.

बात अगर राजस्थान की करें तो राजस्थान में बीजेपी ने पिछली बार एकतरफा जीत दर्ज करते हुए 200 में से 162 सीटों पर जीत दर्ज की थी. लेकिन, इस बार लडाई मुश्किल हो गई है. अजमेर और अलवर लोकसभा के उपचुनाव के नतीजों ने साफ कर दिया था कि बीजेपी के लिए राज्य में हालात पहले जैसे नहीं हैं. लेकिन, सूत्रों के मुताबिक, राजस्थान में बीजेपी की हालत पतली होने के पीछे मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के प्रति लोगों में नाराजगी है न कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर. लिहाजा राजस्थान में बीजेपी की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दस चुनावी रैलियों के जरिए लोगों की नाराजगी काफी हद तक रोकने की कोशिश की जा रही है.

सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के चेहरे को ही बीजेपी चुनाव में आगे रख रही है, जिससे चुनाव हारने की सूरत में ठीकरा वसुंधरा के ही सिर फूटे. लेकिन, अपने स्टार प्रचारक मोदी के मैदान में उतरने से बीजेपी को उम्मीद काफी है. पार्टी को लग रहा है कि मोदी मैजिक के सहारे बीजेपी का प्रदर्शन बेहतर होगा, क्योंकि विधानसभा चुनाव के प्रदर्शन का असर लोकसभा चुनाव पर पड़ सकता है.