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मायावती को पीएम पद की उम्मीदवार के रूप में पेश करूंगा- जोगी

‘ऐसी कई चीजें हैं जो उनके पक्ष में काम करती हैं. वह एक महिला हैं, एक दलित हैं और उन्हें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में चार बार पद संभालने का अनुभव है.’

Bhasha

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने कहा कि सिर्फ कुछ घंटों की बैठक के बाद ही उनका बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ गठबंधन हो गया था. उन्होंने कहा कि अब बसपा प्रमुख मायावती को पीएम पद के उम्मीदवार के रूप में पेश कर वो इस गठबंधन को 2019 तक जारी रखना चाहते हैं.

जोगी ने कहा, ‘मायावती देश की प्रधानमंत्री बनने की हकदार हैं. वह इस पद के लिए उपयुक्त हैं और उनमें क्षमता है.’


बसपा प्रमुख को स्वाभाविक नेता बताते हुए जोगी ने कहा, ‘ऐसी कई चीजें हैं जो उनके पक्ष में काम करती हैं. वह एक महिला हैं, एक दलित हैं और उन्हें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में चार बार पद संभालने का अनुभव है.’

जोगी (72) गठबंधन की तरफ से छत्तीसगढ़ में सीएम पद के उम्मीदवार हैं. साल 2000 से 2003 तक कांग्रेसी नेता के रूप में वो मध्य प्रदेश से अलग बने नए राज्य छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री रह चुके हैं.

हालांकि, जोगी का कार्यकाल पूरा होने के बाद कांग्रेस सत्ता में नहीं लौट पाई और उसके बाद से भाजपा नेता रमन सिंह करीब 15 साल से मुख्यमंत्री बने हुए हैं. राज्य में सत्ता में लौटने में कांग्रेस की नाकामी का एक कारण राज्य के नेताओं के बीच अंदरूनी कलह है. जोगी ने 2016 में कांग्रेस छोड़ दी थी और नई पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जेसीसी) बनाई थी.

जोगी-मायावती गठबंधन राज्य में महत्वपूर्ण:

छत्तीसगढ़ में हमेशा मुख्य रूप से बीजेपी और कांग्रेस के बीच दो ध्रुवीय मुकाबला रहा है. लेकिन इस बार जोगी-मायावती गठबंधन ने तीसरी शक्ति पैदा की है. खुद मुख्यमंत्री सिंह इस बात को स्वीकार चुके हैं कि जोगी बीजेपी और कांग्रेस को प्रभावित करेंगे.

छत्तीसगढ़ की 90 विधानसभा सीटों पर मतदान दो चरणों में 12 और 20 नवंबर को होगा.

वर्तमान विधानसभा में बसपा का केवल एक विधायक है जबकि उसका 2013 में मतदान प्रतिशत 4.27 रहा था. हालांकि, माना जा रहा है कि जोगी और मायावती के एकसाथ आने का इस मतदान प्रतिशत पर काफी असर हो सकता है.

कुल 90 सीटों में से, 29 सीटें अनुसूचित जनजातियों तथा 10 अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित हैं. गैर आरक्षित सीटों में से अनुसूचित जातियों की जनसंख्या 40 विधानसभा क्षेत्रों में 10 प्रतिशत से ज्यादा है. इसके अलावा, अन्य पिछड़ा वर्ग की राज्य में 48 प्रतिशत आबादी है.

दोनों दल वैचारिक रुप से एक:

जोगी ने कहा, ‘इन दोनों दलों के बीच गठबंधन एक स्वाभाविक गठबंधन है और यह 2019 आम चुनावों के बाद भी चलेगा.’

यह पूछे जाने पर कि दोनों दलों के बीच गठबंधन कैसे हुआ, जोगी ने कहा कि गठबंधन होने में केवल कुछ घंटों का वक्त लगा क्योंकि दोनों दल वैचारिक रूप से लगभग एक ही तरह के हैं.

जोगी ने कहा, ‘मैं मायावती जी से मिला और हमने कुछ घंटे चर्चा की और इसके बाद राज्य विधानसभा चुनाव एकसाथ लड़ने का फैसला किया और मैं मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार होऊंगा.’

कई चुनावी विश्लेषकों का मानना है कि जोगी त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में छत्तीसगढ में सरकार बनाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं.