दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के मुखिया अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ती नज़र आ रही हैं. डीडीसीए से जुड़े मामले में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा दर्ज कराए गए आपराधिक मानहानि के मामले में अदालत ने अरविंद केजरीवाल समेत पांच अन्य लोगों पर मुकदमा चलाने की इजाजत दे दी है.
अदालत ने इस मामले में पांच अन्य आप नेताओं के गुनाह क़ुबूल करने से इनकार करने पर उनके खिलाफ आरोप तय किए हैं.
केजरीवाल और 5 आप नेताओं के खिलाफ केस चलेगा
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने शनिवार को साफ कर दिया कि डीडीसीए मामले में वित्त मंत्री अरुण जेटली की ओर से दायर मानहानि की याचिका पर केजरीवाल और आप पार्टी के पांच दूसरे नेताओं के खिलाफ मामला चलेगा. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 20 मई तय की है.
दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को निलंबित बीजेपी सांसद कीर्ति आजाद को मामले में निचली अदालत में पेश होने से छूट दे दी. गौरतलब है कि डीडीसीए और क्रिकेटर से राजनेता बने चेतन चौहान ने आजाद के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया है.
केजरीवाल के दावों में कोई दम नहीं
इससे पहले बीती एक मार्च को दिल्ली हाईकोर्ट ने जेटली के बैंक खातों, टैक्स रिटर्न और अन्य वित्तीय रिकॉर्डों से जुड़ी जानकारी उपलब्ध कराने से संबंधित केजरीवाल की याचिका खारिज कर दी थी. कोर्ट ने इसे बेवजह पूछताछ बताया था और कहा था कि केजरीवाल के दावों में कोई दम नहीं नज़र आता.
क्या है पूरा मामला ?
जेटली ने साल 2015 में मानहानि का मुकदमा दायर करते हुए केजरीवाल, राघव चड्ढा, कुमार विश्वास, आशुतोष, संजय सिंह और दीपक वाजपेयी से 10 करोड़ रूपए के मुआवजे की मांग की थी. आप के नेताओं ने दिल्ली एंड डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन में कथित अनियमितताओं और आर्थिक गड़बड़ियों को लेकर जेटली और उनके परिवार के सदस्यों पर सोशल मीडिया समेत कई मंचों से कथित तौर पर निशाना साधा था. जेटली 2013 तक लगभग 13 साल तक डीडीसीए के अध्यक्ष पद पर रहे थे.
जान से मारने की धमकी मिलने का आरोप
उधर, आप नेता राघव चड्ढा ने आरोप लगाया है कि सुनवाई के लिए केजरीवाल और संजय सिंह के साथ अदालत परिसर में प्रवेश करते समय एक शख्स ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी है. राघव के मुताबिक ये शख्स वकील के कपड़े पहने हुए था और इसने अदालत परिसर में ही सीएम को जान से मारने की धमकी दी और वहां से चला गया. आप नेताओं ने कोर्ट से भी इस मामले में शिकायत कर कार्रवाई करने की मांग की है.