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बर्बाद हो चुकी है भारतीय नौकरशाही व्यवस्था,अहम पदों पर आसीन हैं दोयम दर्जे के नौकरशाह : नायडू

नायडू ने दावा किया कि उनकी सरकार अधिकारियों के प्रदर्शन की रैंकिंग के लिए आकलन तंत्र ला रही थी लेकिन केंद्र सरकार ने इसे बेकार कर दिया

Bhasha

टीडीपी प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार में महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त गुजरात कैडर के ‘दोयम’ दर्जे के नौकरशाहों ने शासन व्यवस्था को बर्बाद कर दिया है और इस वजह से समूचा प्रशासन हतोत्साहित है. नायडू ने यहां जिलाधिकारियों के एक दिवसीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र में महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त गुजरात के इन ‘अयोग्य’ नौकरशाहों के कारण देश की नौकरशाही दोयम दर्जे की हो चुकी है.

आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘गुजरात छोटा राज्य है. दिल्ली बड़ी जगह है. उसे 29 राज्यों से निपटना पड़ता है. अगर सारे लोग (अधिकारी) छोटे स्थान से लाए जाएंगे तो आपके पास अयोग्य लोग होंगे.’ नायडू ने दावा किया कि गुजरात के अधिकतर अधिकारी केंद्र में महत्वपूर्ण पदों पर हैं. इन दोयम लोगों के कारण अखिल भारतीय स्तर पर नौकरशाही भी दोयम दर्जे की हो चुकी है.


यह मुद्दा सरकारी अधिकारियों के प्रदर्शन की रैंकिंग पर प्रस्तुति के दौरान उठा. नायडू ने दावा किया कि उनकी सरकार अधिकारियों के प्रदर्शन की रैंकिंग के लिए आकलन तंत्र ला रही थी लेकिन केंद्र सरकार ने इसे बेकार कर दिया.

बर्बाद हो चुकी है भारतीय नौकरशाही व्यवस्था

तेलुगु देशम पार्टी के प्रमुख ने सवाल किया, ‘पांच सेवानिवृत्त अधिकारियों की एक कमेटी है जो (पहचान के) पांच अधिकारियों को बुलाती है और पांच सवाल पूछती है. इन (सेवारत) अधिकारियों के आधार पर रैंकिंग होती है. यह क्या तंत्र है ? क्या यह सही है? ’

उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय नौकरशाही व्यवस्था बहुत मजबूत थी और राज्यों से सर्वश्रेष्ठ लोगों को चुना जाता था और (केंद्र में) सही जगह पर उन्हें तैनात किया जाता था. नायडू ने कहा, ‘लेकिन अब व्यवस्था बर्बाद हो चुकी है.’

उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा बाहर से विशेषज्ञ लोगों को नौकरशाही में लाने की भी खामियां गिनायीं. नायडू ने कहा, ‘यह गलत है. योग्यता के आधार पर नियुक्ति नहीं हो रही. इसकी बजाय (केंद्र सरकार) सचिवों को उनकी इच्छा के मुताबिक नियुक्त किया जा रहा है. यह भी नहीं देखा जाता कि वे सही से काम कर पाएंगे या नहीं.’ उन्होंने आगाह किया कि वैज्ञानिक आधार के बिना कुछ भी करने से पूरा तंत्र ध्वस्त हो जाएगा .