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शांति वार्ता में सरकार के नुमाइंदे दिनेश्वर शर्मा कौन हैं... जानिए?

1979 बैच के आईपीएस अधिकारी दिनेश्वर शर्मा कश्मीर मुद्दे को सुलझाने के लिए होने वाली शांति वार्ता में भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करेंगे

FP Staff

केंद्र सरकार ने आईबी के पूर्व निदेशक दिनेश्वर शर्मा को जम्मू-कश्मीर की शांति प्रक्रिया में भारत सरकार के नुमाइंदे के तौर पर नियुक्त किया है.

सोमवार को राजनाथ सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर कहा कि 1979 बैच के आईपीएस अधिकारी दिनेश्वर शर्मा कश्मीर मुद्दे को सुलझाने के लिए होने वाली शांति वार्ता में सरकार का प्रतिनिधित्व करेंगे. राजनाथ ने इस दौरान याद दिलाई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर दिए अपने भाषण में कहा था, 'कश्मीर समस्या न गाली से, न ही गोली से, बल्कि कश्मीरियों को गले लाने से हल होगा.'


राजनाथ सिंह से जब यह पूछा गया कि केंद्र द्वारा नियुक्त नुमाइंदे क्या हुर्रियत से भी बातचीत करेंगे, इसपर उन्होंने कहा, 'दिनेश्वर शर्मा को पूरा अधिकार होगा कि वो किससे बातचीत करना चाहते हैं. इसके लिए उन्हें पूरी आजादी होगी.'

केंद्रीय गृह मंत्री प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिनेश्वर शर्मा को 'इंटरलोक्यूटर' यानी मध्यस्थ कहने से बचते रहे. उन्होंने यह नहीं बताया कि दिनेश्वर शर्मा कब तक यह कार्य करते रहेेंगे. आईबी के पूर्व निदेशक को सरकार ने जो टास्क सौंपा है वो लगभग मध्यस्थता जैसा ही है.

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह

कौन हैं दिनेश्वर शर्मा ? 

केरल कैडर के 1979 बैच के आईपीएस अधिकारी दिनेश्वर शर्मा बिहार के गया जिले के पाली गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने अपने अभी तक के सेवाकाल में विभिन्न एजेंसियों के साथ 23 साल तक काम किया है. कूटनीति के मुद्दे पर उन्हें समझदार खिलाड़ी माना जाता है. कम बोलने वाले और मृदु भाषी दिनेश्वर शर्मा लो-प्रोफाइल रहकर अपना काम करते हैं.

दिनेश्वर शर्मा की इन्हीं सब खूबियों को देखते हुए केंद्र सरकार ने उन्‍हें इतनी बड़ी और अहम जिम्‍मेदारी सौंपी है. आईबी के निदेशक बनने से पहले वह आईबी में ही महत्वपूर्ण काउंटर सर्विलांस विभाग के प्रमुख पद पर तैनात थे. इस पद पर रहते हुए उन्होंने एजेंसी को कई अभियानों में कामयाबी दिलाई है.

आईपीएस सर्विस में आने से पहले दिनेश्वर शर्मा का चयन इंडियन फोरेस्ट सर्विस (आईएफएस) के लिए भी हुआ था. लेकिन जल्दी ही वो आईपीएस में भी सेलेक्ट हो गए. शर्मा दूसरे जगहों के अलावा काफी समय तक कश्मीर में भी तैनात रहे हैं. उन्हें कश्मीर के सामाजिक और राजनीतिक हालातों की गहरी जानकारी है.

शर्मा ने आईबी प्रमुख के रूप में पहले कार्यकाल के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल के साथ भी काम किया है.