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CCTV Scheme: LG आवास से पहले रोका गया मार्च, मंत्रियों संग धरने पर बैठे केजरीवाल

दो किलोमीटर लंबे मार्च के दौरान केजरीवाल , मंत्रियों और विधायकों ने उपराज्यपाल और बीजेपी के खिलाफ नारे लगाए

FP Staff

दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे लगाने को लेकर एलजी के आवास तक जा रहे मार्च को बीच में ही रोक दिया गया जिसके बाद सीएम केजरीवाल और अन्य मंत्री सड़क पर ही धरना देन बैठ गए. इस मार्च का नेतृत्व अरविंद केजरीवाल कर रहे थे. इस दौरान केजरीवाल के साथ उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, श्रम रोजगार मंत्री गोपाल राय, अलका लांबा, संजीव झा, प्रमिला टोकस, सौरभ भारद्वाज, देवेंद्र सहरावत, गिरीश सोनी, पंकज पुष्कर, अमानतउल्ला खान समेत दिल्ली के अलग अलग विधायक शामिल हैं.

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास से मुख्यमंत्री और उनके विधायक एलजी आवास का घेराव करने निकले थे लेकिन पुलिस ने बैरीकेडिंग कर उन्‍हें एलजी आवास तक पहुंचने से रोक दिया. ऐसे में मुख्‍यमंत्री अपने विधायकों को मंत्रियों के साथ बैरीकेड के पास ही धरने पर बैठ गए. फिलहाल मुख्‍यमंत्री और उनकी मं‍त्री परिषद नारेबाजी कर रही है. इस मार्च के साथ भारी पुलिस बल भी मौजूद है.


बढ़ा टकराव 

इस मार्च के बाद सीसीटीवी परियोजना पर दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच टकराव आज और तेज हो गया है. यह मार्च सीसीटीवी योजना पर रोक न लगाने की मांग को लेकर निकाला जा रहा था.

दो किलोमीटर लंबे मार्च के दौरान केजरीवाल , मंत्रियों और विधायकों ने उपराज्यपाल और बीजेपी के खिलाफ नारे लगाए. प्रदर्शन से पहले मुख्यमंत्री ने बीजेपी पर हमला करते हुए आरोप लगाए कि वह नहीं चाहती कि सीसीटीवी परियोजना को लागू किया जाए इसलिए इसे उपराज्यपाल अनिल बैजल के जरिए से रुकवाया जा रहा है.

आम आदमी पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में महिलाओं की सुरक्षा के लिए महानगर में कम से कम दस लाख सीसीटीवी कैमरे लगाने का वादा किया था.

केजरीवाल ने कहा , ‘उपराज्यपाल द्वारा बनाई गई समिति काफी खतरनाक है. समिति का गठन सीसीटीवी परियोजना को रोकने के लिए किया गया है.’ बैजल ने रविवार को केजरीवाल को पत्र लिखकर कहा कि यह ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ है कि इस मुद्दे पर ‘बार - बार और जानबूझकर’ लोगों और मीडिया को ‘गुमराह’ किया जा रहा है.

बैजल के पत्र के कुछ घंटे बाद केजरीवाल ने उपराज्यपाल को पत्र लिखकर जानना चाहा कि वह महिला सुरक्षा के मुद्दे का ‘राजनीतिकरण’ क्यों कर रहे हैं. केजरीवाल ने आरोप लगाए थे कि उपराज्यपाल ने निर्वाचित सरकार को दरकिनार कर ‘मनमाने’ तरीके से समिति का गठन किया और जानना चाहा था कि वह संविधान का ‘उल्लंघन’ क्यों कर रहे हैं.

(एजेंसियों से इनपुट)