आप सरकार के रूख को नजरंदाज करते हुए दिल्ली के मुख्य सचिव मनोज परीदा ने सीसीटीवी कैमरा लगाए जाने संबंधी परियोजना पर उपराज्यपाल द्वारा गठित कमेटी की बैठक की अध्यक्षता की.
इस के बाद आप सरकार और उपराज्यपाल के बीच तल्खी और बढ़ सकती है .
एक अधिकारी ने बताया कि परीदा ने छह सदस्यीय कमेटी की अगली बैठक अगले पांच - छह दिन में बुलाई है. बैठक में सार्वजनिक जगहों पर सीसीटीवी कैमरा लगाने के संबंध में विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई.
अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार ने उपराज्यपाल अनिल बैजल द्वारा परीदा की अध्यक्षता में बनाए गए पैनल को ‘ अमान्य ’ बताते हुए कहा है कि शहर में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के मकसद से सीसीटीवी कैमरा लगाना सरकार की जिम्मेदारी है.
पीएम को लिखी थी चिट्ठी
इस मामले में उन्होंने शुक्रवार को पीएम को चिट्ठी भी लिखी थी. इस चिट्ठी में उन्होंने एलजी द्वारा बनाई गई कमेटी की मंशा पर सवाल उठाते हुए लिखा था कि दिल्ली सरकार ने पूरी दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम शुरू किया. दिल्ली के लोगों ने इसका स्वागत किया. सारी प्रक्रिया पूरी हो गई, बजट पास हो गया, आपत्तियों को दूर कर दिया गया, कैबिनेट की मंजूरी मिल गई फिर अचानक सीसीटीवी कमेटी का गठन क्यों किया गया. इस कमेटी का मकसद क्या होगा? कमेटी बनाने से पहले हम से बात क्यों नहीं की गई?
सीएम केजरीवाल ने चिट्ठी में लिखा था कि केंद्र सरकार के एलजी की नियत खराब है. सीसीटीवी कमेटी का एक ही मकसद है कि किसी भी कीमत पर सीसीटीवी कैमरे लगाने पर रोक लगाई जाए.
(भाषा से इनपुट)