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CBIvsCBI: सुप्रीम कोर्ट के फैसले से प्रधानमंत्री मोदी का दोष साबित हुआ- विपक्ष

सीबीआई के निदेशक अलोक कुमार वर्मा को बहाल करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कांग्रेस समेत समूचे विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा

Bhasha

सीबीआई के निदेशक अलोक कुमार वर्मा को बहाल करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कांग्रेस समेत समूचे विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. कांग्रेस ने कहा कि नरेंद्र मोदी ऐसे पहले प्रधानमंत्री हैं, जिनके अवैध आदेशों को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया है. कांग्रेस के साथ दूसरे राजनीतिक दलों ने भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश को सरकार के लिए बड़ा झटका करार दिया.

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'प्रधानमंत्री सीबीआई को तबाह करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट के सामने बेनकाब होने वाले पहले प्रधानमंत्री बन गए हैं. इससे पहले भी उन्होंने इसी तरह केंद्रीय सतर्कता आयोग की विश्वसनीयता (सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायधीश की सलाह की जरूरत) को दरकिनार कर उसे तबाह कर दिया था. पीएम मोदी अब ऐसे पहले प्रधानमंत्री बन गए हैं, जिनके अवैध आदेशों को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है.'


उन्होंने पीएम मोदी को यह याद रखने के लिए कहा कि सरकारें आती जाती रहेंगी, लेकिन संस्थानों की अखंडता हमेशा कायम रहती है. सुरजेवाला ने ट्वीट किया, 'यह आपके लिए हमारे लोकतंत्र और संविधान की मजबूती के बारे में एक सबक है. इससे पता चलता है कि आप कितने भी स्वेच्छाचारी हों, अंत में कानून आपको पकड़ ही लेता है.' सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री को 'लोकतांत्रिक संस्थानों को कुचलने वाला' करार दिया.

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी अदालत के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने संसद के बाहर पत्रकारों से कहा कि आज आप लोगों पर दबाव बनाने के लिये इन एजेंसियों का इस्तेमाल करेंगे, कल कोई और ऐसा करेगा. ऐसे में लोकतंत्र का क्या होगा? वहीं माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि अदालत के फैसले से साबित होता है कि प्रधानमंत्री और उनकी सरकार इस मामले में सीधे तौर पर शामिल थे.

किसने क्या कहा

संसद के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए राष्ट्रीय जनता दल सांसद मनोज झा ने इस फैसले को सरकार के मुंह पर करारा तमाचा बताया. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह आदेश इस मामले में प्रधानमंत्री मोदी को सीधे दोषी ठहराता है. आम आदमी पार्टी प्रमुख ने ट्वीटर पर लिखा, 'सुप्रीम कोर्ट का सीबीआई प्रमुख को बहाल करना प्रधानमंत्री को सीधे तौर पर दोषी ठहराता है. मोदी सरकार ने देश के संस्थानों और लोकतंत्र को तबाह कर दिया. क्या सीबीआई निदेशक को आधी रात को अवैध रूप से हटाना राफेल घोटाले की जांच रोकने की कोशिश नहीं थी, जिससे सीधे प्रधानमंत्री जुड़े हुए हैं?'

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया. जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार को अब अपने राजनीतिक फायदे के लिए सीबीआई और एनआईए जैसी जांच एजेंसियों का दुरुपयोग बंद कर देना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि यह आदेश वर्मा के लिये अधूरी जीत है. उन्होंने कहा, उन्हें (वर्मा को) बहाल तो कर दिया गया है लेकिन उन्हें कोई भी नीतिगत फैसला लेने से रोक दिया गया है.

अपने आदेश में कोर्ट ने कहा कि वर्मा के बारे में कोई भी फैसला सीबीआई निदेशक का चुनाव और नियुक्त करने वाली उच्च शक्ति प्राप्त समिति करेगी. यह फैसला मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एस के कौल और के एम जोसेफ की पीठ ने सुनाया है. सीबीआई के निदेशक के रूप में वर्मा का कार्यकाल 31 जनवरी को खत्म हो रहा है.