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क्या नीतीश कुमार लालू प्रसाद यादव के बुरे दिन का इंतजार कर रहे हैं?

लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार पर सीबीआई के बढ़ते शिकंजे ने बिहार की राजनीति में भूचाल ला दिया है.

Ravishankar Singh

लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार पर सीबीआई के बढ़ते शिकंजे ने बिहार की राजनीति में भूचाल ला दिया है. राजनीतिक गलियारों में कयासों का दौर चल पड़ा है कि लालू प्रसाद यादव पार्टी को कैसे एकजुट रख पाएंगे? बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के परिवार पर चौतरफा हमला हो रहा है. एक तरफ आयकर विभाग और सीबीआई का डंडा चल रहा है तो दूसरी तरफ बिहार सरकार में सहयोगी पार्टी जेडीयू इन सारे मामले से अपने आपको अलग-थलग कर आरजेडी को उसके अपने हाल पर छोड़ दिया है.

आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की यही स्थिति चारा घोटाले उजागर होने के वक्त थी. राजनीति के जानकार मानते हैं कि नीतीश कुमार उचित समय पर सही स्टैंड लेने में माहिर हैं. नीतीश कुमार जब पहली बार लालू प्रसाद यादव का साथ छोड़ कर एनडीए में शामिल हुए थे, तब भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही थी. चारा घोटाले के वक्त भी सीबीआई लगातार लालू प्रसाद यादव पर शिकंजा कस रही थी.


पिछले कुछ दिनों से बिहार बीजेपी के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी एक रणनीति के तहत लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार पर लगातार हमला बोल रहे हैं. जानकार मानते हैं कि जिस परिस्थिति में महागठबंधन बना था उसके हिसाब से गठबंधन में शामिल नीतीश कुमार, लालू यादव के मामले में उतना बचाव नहीं कर रहे हैं. जबकि, कांग्रेस ने तुरंत ही प्रतिक्रिया देकर लालू यादव का बचाव किया है.

माना यह भी जा रहा है कि आरजेडी के अंदर एक धड़ा ऐसा है जो इन सारे घटनाक्रमों पर नजर बनाए हुए है. ये धड़ा भी उचित समय पर अपना स्टैंड ले सकती है. बिहार के राजनीति को करीब से जानने वाले एक पत्रकार कहते हैं, 'पिछले बिहार विधानसभा चुनाव में जेडीयू के कुछ नेता आरजेडी के टिकट पर और आरजेडी के भी कुछ नेता जेडीयू के चुनाव चिन्ह पर जीत हासिल कर विधानसभा पहुंचे थे.

उस महागठबंधन में नीतीश कुमार ही सबसे कमजोर कड़ी थे और सबसे मजबूत कड़ी भी नीतीश कुमार ही थे. ऐसे में सत्ता की ताजा गणित नीतीश कुमार के इर्द-गिर्द घुमती नजर आ रही है. ऐसे में कोई भी नेता नीतीश कुमार के बिहार में राजनीतिक वर्चस्व को अनदेखी नहीं कर सकता. सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव ही नहीं उनके ट्विटरबाज बेटे और बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया है. हाल के दिनों में तेजस्वी यादव ने सोशल साइट के जरिए प्रधानमंत्री मोदी पर कई तंज कसे थे.

लालू प्रसाद यादव के लिए मुश्किल यह है कि चारा घोटाले के एक मामले में वे पहले ही सजायाफ्ता हैं. इसके अलावा भी चारा घोटाले के कई और केस उन पर चल रहे हैं. पिछले कुछ सालों से लालू प्रसाद यादव के कोर्ट-कचहरी के खूब चक्कर लग रहे हैं. पिछले दो महीनों में सीबीआई के लगातार दो छापे ने लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के भविष्य की राजनीति पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

सीबीआई ने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, बिहार के उप मुख्यमंत्री और उनके बेटे तेजस्वी यादव, आईआरसीटीसी के तत्कालीन एमडी पीके गोयल, लालू प्रसाद यादव के विश्वासपात्र और राज्यसभा सांसद प्रेमचंद गुप्ता की पत्नी सुजाता और कई के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. लालू प्रसाद यादव ने साल 2006 में रेल मंत्री रहते बीएनआर ग्रुप के होटलों के रखरखाव का जिम्मा एक प्राइवेट कंपनी दिया था. बिहार के पर्व उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता सुशील मोदी ने पिछले दिनों लालू प्रसाद यादव के द्वारा इस डील के बदले में जमीन लेने की बात कही थी. जिस जमीन पर बिहार में अब सबसे बड़ा मॉल बनाया जा रहा है.

दरअसल यह मामला साल 2006 का है. उस वक्त रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव थे. सीबीआई को लगता है कि लालू ने रेलवे के होटलों की चेन बीएनआर होटल ग्रुप के रखरखाव का ठेका यानी टेंडर नियमों की अनदेखी करते हुए प्राइवेट कंपनियों को दिया था और इसकी एवज में उन्हें पटना में जमीन दी गई. सीबीआई के पिछले छापे जमीन विवाद को लेकर पड़े थे. और अब रेल मंत्री रहने के दौरान होटल आवंटन मामले को लेकर पड़े हैं.

लालू प्रसाद यादव के करीबी और आरजेडी के राज्यसभा सांसद प्रेमचंद गुप्ता के दिल्ली आवास पर सीबीआई की रेड पड़ी है. वहीं गुरुग्राम में आईआरसीटीसी के पूर्व एमडी पीके गोयल के घर पर भी छापा पड़ा है. सीबीआई की छापेमारी के बाद लालू प्रसाद यादव ने मीडिया से बात कते हुए कहा है कि बीजेपी और आरएसएस के इशारे में छापेमारी की गई है. हम सीबीआई के सामने झुकने वाले नहीं हैं. सीबीआई के सारे सवाल का जवाब देंगे.

इस कार्रवाई से भड़के लालू प्रसाद यादव ने कहा कि ये बीजेपी की साजिश है. हमने कुछ भी गलत नहीं किया, नियम के तहत ही ठेके दिए गए.

आईआरसीटीसी होटलों के ठेके में कोई गड़बड़ी नहीं है. उन्हों ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि मोदी सरकार को हराकर ही दम लेंगे. दिल्ली में राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता मनोज झा ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि आज का दिन लोकतंत्र के लिए सबसे काला दिन है. देश की मोदी सरकार विपक्षी दलों को साधने के लिए सीबीआई का दुरुपयोग कर रही है. केंद्र कुछ भी कर ले हम झुकनेवाले नहीं हैं. हम राजनीतिक और कानूनी लड़ाई जारी रखेंगे.

हम आपको बता दें कि लालू प्रसाद यादव और उनका परिवार बेनामी संपत्ति के मामले में पहले से ही भारतीय जांच एजेंसियों के रडार पर है. लालू प्रसाद यादव पर आरोप है कि अपने और परिवार के प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए बेनामी संपत्ति अर्जित की है. इस पूरे मामले में लालू प्रसाद यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती और दामाद शैलेश कुमार पर भी आरोप लगे हैं. जिसकी जांच चल रही है.

आज के दौर में नीतीश कुमार विपक्ष में ऐसे नेता बन कर उभरे हैं जो हर समय अपने हित की बात करके पाला बदलने से भी परहेज नहीं करते, बस उचित समय का इंतजार रहता है. शायद वह समय अब आ गया है?