पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने आज कहा कि अगर ईवीएम से छेड़छाड़ होती तो वह सत्ता में नहीं होते. उनका यह रुख कांग्रेस के रुख के विपरीत है, जिसका कहना है कि मशीन से छेड़छाड़ संभव है.
उन्होंने आज यहां कहा कि अगर ईवीएम से छेड़छाड़ की गई होती तो मैं यहां नहीं बैठा होता, यहां अकाली होते. पूर्व कानून मंत्री वीरप्पपा मोईली के बाद अमरिंदर सिंह कांग्रेस के दूसरे वरिष्ठ नेता हैं जो ईवीएम के बचाव में उतरे हैं जबकि कांग्रेस का आरोप है कि मशीन से छेड़छाड़ हुई है.
कांग्रेस से अलग कैप्टन का रुख
कांग्रेस ने मांग की है कि ईवीएम की जगह पुराने मतपत्रों का इस्तेमाल किया जाए. पंजाब में विधानसभा की 117 सीटों में से 77 पर कांग्रेस ने जीत दर्ज कर एक दशक से सत्ता में काबिज अकाली-भाजपा को बाहर का रास्ता दिखाया.
कांग्रेस अन्य विपक्षी दलों के साथ मिलकर आरोप लगा रही है कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों से छेड़छाड़ हुई जिससे उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड में भाजपा को विधानसभा चुनाव जीतने में सहयोग मिला.
इससे पहले चुनाव आयोग ने आज उन लोगों को खुली चुनौती दी जो ईवीएम पर सवाल उठा रहे हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरप्पा मोइली ने भी कहा था कि ईवीएम से छेड़छाड़ नहीं कि जा सकती है. हालांकि कांग्रेस ने मोइली के बयान से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि यह उनका व्यक्तिगत विचार है और यह कांग्रेस का विचार नहीं है.