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उपचुनाव: विपक्षी एकता के सहारे, कैराना में बीजेपी से टक्कर लेने को तैयार RLD

RLD ने कैराना उपचुनाव के लिए तबस्सुम बेगम को टिकट देने का फैसला किया है. इसके लिए तबस्सुम औपचारिक रूप से एसपी से RLD में शामिल हो गई हैं

Bhasha

गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव में विपक्ष को मिली जीत से उत्साहित राष्ट्रीय लोकदल ने रविवार को घोषणा की कि वह 28 मई को होने वाले कैराना लोकसभा चुनाव में संयुक्त विपक्ष के पूर्ण समर्थन से मैदान में उतरेगी.

राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के टिकट पर एसपी की मदद से कैराना लोकसभा उपचुनाव लड़ने जा रहीं तबस्सुम बेगम रविवार को RLD में शामिल हो गईं.


RLD के प्रान्तीय अध्यक्ष मसूद अहमद ने बताया कि उनकी पार्टी ने कैराना उपचुनाव के लिए तबस्सुम बेगम को टिकट देने का फैसला किया है. इसके लिए तबस्सुम औपचारिक रूप से एसपी से RLD में शामिल हो गई हैं.

उन्होंने बीएसपी समेत सभी समान विचारधारा वाले दलों का सहयोग मिलने की पूरी उम्मीद जाहिर करते हुए आशा जताई कि तबस्सुम विपक्ष की साझा उम्मीदवार बनकर उभरेंगी.

मालूम हो कि एसपी भी तबस्सुम को ही कैराना लोकसभा उपचुनाव लड़ाना चाहती थी. गत शुक्रवार को लखनऊ में एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव और RLD उपाध्यक्ष जयन्त चौधरी के बीच हुई लंबी मुलाकात में इस पर सहमति बनी थी कि तबस्सुम एसपी के बजाय RLD के टिकट पर चुनाव लड़ेंगी और एसपी उनका समर्थन करेगी.

इसके अलावा नूरपुर विधानसभा सीट के उपचुनाव में एसपी अपना प्रत्याशी उतारेगी और RLD उसे समर्थन देगी. इन दोनों ही सीटों पर उपचुनाव 28 मई को होगा.

कैराना लोकसभा सीट पर करीब 17 लाख मतदाता है जिसमें तीन लाख मुस्लिम, चार लाख पिछड़ी जाति:जाट, गुर्जर, सैनी, कश्यप, प्रजापति और अन्य : तथा करीब डेढ. लाख दलित मतदाता शामिल है .

कैराना लोकसभा सीट भाजपा सांसद हुकुम सिंह के निधन के बाद तथा नूरपुर विधानसभा सीट लोकेंद्र सिंह के निधन के बाद खाली हुई थी. 2014 के लोकसभा चुनाव में कैराना सीट पर हुकुम सिंह को पांच लाख 65 हजार वोट मिले थे जबकि उनके प्रतिद्वन्दी एसपी के नाहिद हसन को तीन लाख तीस हजार वोट मिले थे.

वही नूरपुर विधानसभा सीट पर 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के लोकेंद्र सिंह को 79 हजार वोट प्राप्त हुए थे जबकि एसपी के नईमुल हसन को 66 हजार 436 वोट मिले थे .

इस गठजोड. पर भाजपा के प्रदेश महामंत्री विजय पाठक ने कहा 'आपसी दांव पेंच में उलझा विपक्ष कैराना में चारों खाने चित्त होगा और जनता के समर्थन भाजपा की जीत होगी .'

कैराना और नूरपूर में होने वाले दोनों उपचुनाव के नतीजे सत्तारूढ़ पार्टी और विपक्ष के लिये काफी महत्तवपूर्ण होंगे क्योंकि इन्ही नतीजों के आधार पर एक साल से भी कम समय में होने वाले लोकसभा चुनाव की हवा के रूख का कुछ कुछ अंदाजा हो सकेगा .

विपक्षी एकता को मजबूत बनाने के लिए चार मई को समाजवादी पार्टी और RLD के नेताओं ने राजधानी में तीन घंटे बैठक के बाद यह फैसला लिया कि आने वाले उपचुनाव में भाजपा का मुकाबला करने के लिए संयुक्त रूप से उम्मीदवार उतारे जाएं. RLD के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी और एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच बैठक के बाद आपसी सहमति बनी कि आने वाले उपचुनाव में दोनो पार्टियां संयुक्त रूप से मैदान में उतरे .

प्रदेश के विपक्षी गठबंधन की एक मजबूत सदस्य बीएसपी ने पहले ही साफ कर दिया है कि वह उप चुनाव में चुनाव नहीं लड़ेगी . पार्टी 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों में लगी हुई है .

मायावती ने एक टीवी चैनल पर कहा कि धर्मनिरपेक्ष पार्टियों की एकता ने भारतीय जनता पार्टी को सकते में डाल दिया है और भाजपा डर गयी है.