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अलविदा 2017: इस साल में सबसे ज्यादा 117 युवा आतंकी संगठन में हुए शामिल

यह शायद बुरहान वानी का असर था कि 2017 में सबसे ज्यादा युवाओं ने आतंकी संगठन ज्वाइन किया

FP Staff

साल 2017 में आतंकवादी संगठनों में शामिल होने वाले कश्मीरी नौजवानों की संख्या में बड़ा उछाल आया है. युवाओं के आतंकी संगठनों में शामिल होने की शुरुआत 2010 में हुई थी. उसके बाद यह पहला मौका है जब आतंकी संगठनों में शामिल होने वाले युवाओं की संख्या 100 से आगे निकल गई.

सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्टों में बताया गया है कि 2016 में यह आंकड़ा 88 था. 2017 में नवंबर तक ही यह आंकड़ा 117 हो गया था. दक्षिण कश्मीर हिज्बुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकवादी संगठनों को सदस्य मुहैया कराने वाले एक प्रमुख केंद्र के तौर पर उभरा है.


रिपोर्टों के मुताबिक, इस साल विभिन्न आतंकवादी संगठनों में शामिल होने वाले स्थानीय युवाओं की संख्या में 12 अनंतनाग, 45 पुलवामा और अवंतीपुरा, 24 शोपियां और 10 कुलगाम के हैं. उत्तर कश्मीर से जुड़े आंकड़ों में कुपवाड़ा से चार, बारामूला और सोपोर से छह जबकि बांदीपुर से सात नौजवान आतंकवादी संगठनों में शामिल हुए. मध्य कश्मीर में आने वाले श्रीनगर जिले से पांच जबकि बडगाम से चार नौजवान आतंकवादी संगठनों में शामिल हुए.

कैसे तैयार हुई रिपोर्ट

ये रिपोर्ट घाटी में चलाए गए विभिन्न आतंकवाद निरोधक अभियानों के दौरान गिरफ्तार आतंकवादियों से पूछताछ में जानकारी और तकनीकी एवं इंसानी खुफिया तंत्र से इकट्ठा की गई सूचनाओं पर आधारित है. रिपोर्टों के मुताबिक, इस साल आतंकवादी संगठनों में शामिल होने वाले नौजवानों की संख्या 117 है, लेकिन जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक एस पी वैद्य की दलील है कि यह संख्या काफी कम है.

बहरहाल, एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि पुलिस के आंकड़ों में सिर्फ ऐसे मामलों को जगह मिलती है जो पुलिस स्टेशनों में दर्ज किए जाते हैं, जबकि वास्तविक आंकड़े हमेशा ज्यादा होते हैं, क्योंकि कई माता-पिता डर के कारण मामले की जानकारी कानून प्रवर्तन एजेंसियों को नहीं देते.