view all

अपने भाषण में राष्ट्रपति ने दी बीजेपी के 2019 के एजेंडे की झलक

लोकसभा चुनाव में अभी एक साल का वक्त है, लेकिन साढ़े तीन साल के कार्यकाल के दौरान किए गए काम को सामने लाकर राष्ट्रपति ने अपनी सरकार की उपलब्धि बताने की कोशिश की है

Amitesh

संसद के बजट सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ हो गई. संसद के दोनों सदनों को संयुक्त रुप से संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने पहले अभिभाषण के दौरान महिला सशक्तिकरण और महिलाओं के उत्थान पर काफी जोर दिया.

स्वच्छता अभियान से तीन तलाक बिल


राष्ट्रपति ने अपनी सरकार की उपलब्धियां तो गिनाई लेकिन इस दौरान उनका फोकस देश की आधी आबादी के मुख्यधारा से जुड़ने को लेकर सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं पर रहा. उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत स्वच्छता और शौचालय से करने के बाद मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक की कुप्रथा से उबरने के लिए लाए गए बिल की चर्चा कर दी.

तीन तलाक की कुप्रथा को खत्म करने के लिए लाया गया बिल लोकसभा से पारित हो चुका है लेकिन राज्यसभा में इस बिल पर आम सहमति नहीं बन पा रही है. कांग्रेस समेत दूसरे विपक्षी दलों ने इस बिल में संशोधन के लिए इसे सेलेक्ट कमिटी में भेजे जाने की मांग कर दी है. इसी के चलते शीतकालीन सत्र में तीन तलाक से जुड़ा बिल खटाई में पड़ गया था.

लेकिन अब राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में इसका जिक्र साफ कर दिया है कि सरकार के एजेंडे में तीन तलाक का बिल सबसे ऊपर है. राष्ट्रपति ने उम्मीद जताई है कि तीन तलाक का बिल जल्द ही संसद से पास हो जाएगा जिसके बाद प्रताड़ना वाली प्रथा से मुस्लिम महिलाओं को मुक्ति मिलेगी.

अपनी सरकार का एजेंडा सामने रखते हुए राष्ट्रपति की तरफ से तीन तलाक पर दिया गया जोर इस बात का प्रतीक है कि सरकार इस बिल को लेकर कितनी गंभीर है. प्रधानमंत्री ने भी बजट सत्र के पहले दिन उम्मीद जताई कि तीन तलाक का बिल इस सत्र में संसद से पास होकर कानून की शक्ल ले लेगा.

एनडीए सरकार के मुस्लिम हितों के फैसलों भाषण में शामिल

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने संबोधन के दौरान 45 साल से ज्यादा उम्र की मुस्लिम महिलाओं के बिना पुरुष ही हज यात्रा पर जाने की अनुमति देने के सरकार के फैसले को मुस्लिम महिलाओं के लिए हितकर बताया है.

दरअसल, केंद्र सरकार के एजेंडे में तीन तलाक के जरिए मुस्लिम महिलाओं को अपने साथ जोड़ने की कवायद होती रही है. इसी के तहत लगातार सरकार के मुस्लिम महिलाओं से जुडे मुद्दे को उठाकर उनका समाधान करने में लगी हुई है.

इसके अलवा देश के अल्पसंख्यकों के लिए तुष्टिकरण के बजाए उनके सशक्तिकरण पर राष्ट्रपति ने बल दिया है. तुष्टीकरण को लेकर पहले से ही बीजेपी ने विपक्ष में रहते कांग्रेस समेत दूसरे दलों पर हमला बोला है. अब सत्ता में आने के बाद से केंद्र सरकार ने तुष्टीकरण को खत्म करने की बात की है. राष्ट्रपति के अभिभाषण में भी उसी एजेंडे की झलक दिखी.

राष्ट्रपति के संबोधन के माध्यम से सरकार का जोर देश की आधी आबादी को लुभाने पर ज्यादा रहा. मुस्लिम महिलाओं के बाद देश की दूसरी गरीब महिलाओं को अपनी तरफ खींचने के मकसद से सरकार की तरफ से शुरू की गई उज्ज्वला योजना का जिक्र किया गया.

राष्ट्रपति ने कहा कि अबतक तीन करोड़ तीन लाख गैस कनेक्शन उज्ज्वला योजना के अंतर्गत दिए जा चुके हैं. गरीब परिवारों को दिए गए गैस कनेक्शन से गरीब महिलाओं को प्रदूषण से होने वाली बीमारी से निजात दिलाने में भी मदद हो रही है. बार-बार प्रधानमंत्री इसका जिक्र कर सरकार की बड़ी उपलब्धि के तौर पर इसे पेश करते रहे हैं. अब राष्ट्रपति ने इस योजना का जिक्र अपने संबोधन के दौरान किया है.

मातृत्व अवकाश को 12 हफ्ते से बढ़ाकर 26 हफ्ते करने के सरकार के प्रयास को भी राष्ट्रपति ने अपनी सरकार के महिलाओं के हित में उठाए गए बेहतर कदम के तौर पर पेश किया.

ये भाषण बीजेपी का मेनिफेस्टो?

बजट सत्र की शुरुआत में राष्ट्रपति का अभिभाषण सरकार के एजेंडे की झलक दिखाता है. इससे सरकार की तरफ से चलाई जा रही योजनाओं, उनकी सफलता और आगे के एजेंडे की एक बड़ी तस्वीर के तौर पर ही पेश किया जाता रहा है.

अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले अभी एक साल का वक्त बचा है, जिसमें सरकार को जनता से किए वादों पर बहुत कुछ करना बाकी है. लेकिन साढ़े तीन साल के कार्यकाल के दौरान किए गए काम को सामने लाकर राष्ट्रपति ने अपनी सरकार की उपलब्धि बताने की कोशिश की है.