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छठा चरण: हाथी पर सवार दागी-करोड़पति उम्मीदवार

छठे चरण में 109 उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं.

Kinshuk Praval

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव अब अपने अंतिम पड़ाव की तरफ बढ़ रहा है. 4 मार्च को छठे चरण और 8 मार्च को सातवें और आखिरी चरण का मतदान होगा.  छठे चरण में यूपी के 7 जिलों की 49 विधानसभा सीटों पर वोट डाले जाएंगे.


कहां कहां मतदान ?

आजमगढ़, बलिया, देवरिया, गोरखपुर, कुशीनगर, महाराजगंज और मऊ में वोट डाले जाएंगे. इन जिलों के कुल मतदाता  1.72 करोड़ हैं जिनमें पुरुष मतदाता 94.60 लाख हैं जबकि महिला मतदादाता 77.84 लाख हैं.

बीएसपी ने 49 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं जबकि बीजेपी के 45, समाजवादी पार्टी के 40, कांग्रेस के 10 और आएलडी के 36 उम्मीदवार मैदान में हैं.

बीएसपी के सबसे ज्यादा करोड़पति उम्मीदवार

सभी राजनीतिक दलों ने छठे चरण में कुल 635 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं. जिनमें 60 महिला उम्मीदवार भी शामिल हैं. छठे चरण में एक बार फिर दागी और करोड़पति उम्मीदवारों की बहार है.बीएसपी ने सबसे ज्यादा 35 करोड़पति उम्मीदवार उतारे हैं. छठे चरण के टॉप 3 करोड़पतियों में भी बीएसपी के ही उम्मीदवार शामिल हैं.

शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली के पास 118 करोड़ की संपत्ति है जबकि विनय शंकर के पास 67 करोड़ और एजाज अहमद के पास 52 करोड़ की संपत्ति है. बीजेपी ने 33, एसपी ने 28, कांग्रेस ने 6, राष्ट्रीय लोकदल ने 8 करोड़पति उम्मीदवार उतारे हैं.

बीएसपी के सबसे ज्यादा दागी उम्मीदवार 

छठे चरण में भी दागी उम्मीदवारों की भरमार है. कुल 126 दागी उम्मीदवार पार्टियों ने उतारे हैं.सबसे ज्यादा दागी उम्मीदवार भी हाथी पर बैठकर ताल ठोंक रहे हैं. बीएसपी ने 24 दागियों को टिकट दिया है जबकि बीजेपी ने 18, एसपी ने 15, कांग्रेस ने 3, आरएलडी ने 5, सीपीआई ने 4 मैदान में उतारे हैं. जबकि 22 दागी निर्दलीय भी चुनाव लड़ रहे हैं.

109 उम्मीदवारों पर गंभीर मामले

एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक 109 उम्मीदवारों के खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण, महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे गंभीर आपराधिक मामले हैं.

कितने साक्षर हैं उम्मीदवार ?

एडीआर के मुताबिक 38 उम्मीदवारों ने खुद को साक्षर बताया है जबकि 3 उम्मीदवार निरक्षर हैं. 229 उम्मीदवार  पांचवी और बारहवीं तक पढ़े हैं. 338 उम्मीदवार ग्रेजुएट या उससे ज्यादा पढ़े हैं .

साल 2012 में 49 सीटों पर चुनावी नतीजे

साल 2012 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने सबसे ज्यादा 27 सीटें जीती थीं. जबकि 9 सीटें जीतकर बीएसपी दूसरे नंबर पर थी. वहीं बीजेपी को 7 और कांग्रेस को 3 सीटें मिली थीं.

हर पार्टी ने लोकतंत्र के इस उत्सव में साम-दाम-दंड-भेद की रणनीति के साथ उम्मीदवारों को मोर्चा जीतने का मंत्र दिया है. लेकिन विजेता वही होगा जिस पर जनता की मुहर होगी. 11 मार्च को चुनावों के नतीजे मतगणना के साथ ही आने शुरु हो जाएंगे.