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Minimum income guarantee पर राहुल पर मायावती का तंज, 'फिर किया झूठा वादा'

मायावती ने राहुल गांधी के इस वादे की तुलना मौजूदा सरकार से भी कर दी

FP Staff

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने रायपुर में Minimumincomeguarentee का ऐलान तो यह सोच कर किया था कि जनता उन्हें वोटों से लाद देगी. चुनाव तो अभी तीन महीने दूर है उससे पहले वह नेताओं के निशाने पर आ गए हैं. ताजा मामला बीएसपी चीफ मायावती का है. बीएसपी चीफ मायावती ने कहा है कि राहुल गांधी का Minimum income guarentee भी झूठा वादा है जैसा 'गरीबी हटाओ' था.

इतना ही नहीं उन्होंने राहुल गांधी के इस वादे की तुलना मौजूदा सरकार से भी कर दी. उन्होंने कहा, जिस तरह मौजूदा सरकार ने 'अच्छे दिन' 'काला धन वापस लाने' और '15 लाख रुपए' का वादा किया था, उसी तरह राहुल गांधी ने यह वादा किया है.


क्या है Universal Basic Income और Minimum income guarentee? 

यूनिवर्सल बेसिक इनकम के तहत हर महीने एक तय रकम मिलती है. इसमें किसी तरह की कोई शर्त नहीं होती और ना ही किसी तरह के टेस्ट या काम करने की जरूरत होती है.

दूसरे शब्दों में कहें तो देश के हर नागरिक को एक तय समय पर तय रकम मिलेगी. इसमें उनकी सामाजिक या आर्थिक स्थिति का कोई असर नहीं होगा. पहली बार 2016-17 के इकोनॉमिक सर्वे में इसका जिक्र हुआ था. अगर हम वर्ल्ड बैंक की नई सीमा के हिसाब से देखें तो हर शख्स को हर दिन 1.90 डॉलर (लगभग 135 रुपए) मिलने चाहिए. इस हिसाब से देखें तो 130 करोड़ की आबादी के लिए कुल 17,300 करोड़ रुपए का खर्च आएगा.

हालांकि राहुल गांधी ने सिर्फ गरीबों को यूनिवर्सल बेसिक इनकम देने का ऐलान किया है. मान लेते हैं कि 20 फीसदी व्यक्ति गरीबी रेखा के नीचे हैं. ऐसे में 1.90 डॉलर के हिसाब से टोटल खर्च 12.6 लाख करोड़ रुपए होगा. यह हमारे टोटल आम बजट का आधा है. लिहाजा यह तो किसी सूरत में मुमकिन नहीं लगता.