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येदियुरप्पा के नाम दर्ज हैं 18 मामले, 10 में हो सकती है उम्र कैद की सजा

सांसदों और विधायकों के खिलाफ 4122 मामलों में से 1991 मामलों में तो आरोपपत्र भी दाखिल नहीं हुआ है

FP Staff

साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि सभी सांसदों और विधायकों के खिलाफ जितने भी आपराधिक मामले हैं उनको एक साल के अंदर निपटा लिया जाए. हालांकि न्याय मित्र विनय हंसारिया और स्नेहा कलित द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट से पता चला कि कैसे कोर्ट द्वारा दिए गए इस आदेश का पालन नहीं हो पाया.

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच के आदेश पर यह रिपोर्ट तैयार की गई थी, ताकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए 2014 के उस आदेश के प्रभाव का पता लगाया जा सके. हालांकि इस रिपोर्ट ने काफी निराशाजानक तस्वीर पेश की है.


रिपोर्ट के मुताबिक, देश के विभिन्न सांसदों के खिलाफ कुल 4122 मामलों में से 2324 मामले कोर्ट में लंबित पड़े हुए हैं. रिपोर्ट में बताया गया कि कुछ मामले तीस सालों से चल रहे हैं. सांसदों और विधायकों के खिलाफ 4122 मामलों में से 1991 मामलों में तो आरोपपत्र भी दाखिल नहीं हुआ है. कई केस तो इसलिए पेंडिंग हैं क्योंकि उनमें उच्चतर न्यायालयों द्वारा स्टे दे दिया गया था.

कुछ मामले इस तरह हैं

- कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ 18 केस दर्ज हैं, जिनमें से 10 मामलों में उम्रकैद तक की सजा हो सकती है, लेकिन उनके खिलाफ अभी आरोपपत्र भी दाखिल नहीं हुआ है.

- केरल में विधायक एमएम मनी कि खिलाफ 1982 में हत्या का एक मामला दर्ज किया गया था, जिसका ट्रॉयल अभी शुरू भी नहीं हुआ है.

- पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के खिलाफ 2007 में भ्रष्टाचार का मामला दाखिल किया गया है, लेकिन अभी इस मामले में भी आरोपपत्र दाखिल नहीं हुआ है.

- पूर्व सांसद अतीक अहमद के खिलाफ चल रहे 22 मामलों में से 10 मामले हत्या के हैं. इन मामलों का निपटारा पिछले 16 सालों में नहीं हो पाया है.

- गुजरात में मौजूदा एनसीपी विधायक कंधालभाई सरमनभाई जडेजा के खिलाफ टाडा के तीन मामले हैं जिनमें आरोपपत्र दाखिल नहीं किए गए हैं.

- ओडिशा में चार मौजूदा और पूर्व विधायकों के खिलाफ 100 से ज़्यादा आपराधिक मामले चल रहे हैं.

रिपोर्ट में वरिष्ठ एडवोकेट हंसारिया ने कहा कि लगभग सभी राज्यों में विधायकों और सांसदों के खिलाफ मामले जितने दिन से लटके हुए हैं वो निराशाजनक है. इनमें से ज्यादातर वो मामले हैं जिनमें अगर दोषी पाया जाता है तो उम्रकैद की सज़ा होगी. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को ये रिपोर्ट सौंपी जाएगी.

सुप्रीम कोर्ट की बेंच वरिष्ठ वकील और बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई भी कर रही है, जिसमें दोषी पाए गए विधायकों और सांसदों के चुनाव लड़ने पर लाइफटाइम बैंन लगाने की मांग की गई है.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को स्पेशल कोर्ट बनाने का निर्देश जारी करते हुए कहा था कि वो आंकड़े इकट्ठा करे कि सांसदों और विधायकों के खिलाफ कितने आपराधिक मामले लंबित हैं और उनकी स्थिति क्या है. इसके बाद मंत्रालय ने सभी हाईकोर्ट को आंकड़े सप्लाई करने के बारे में लिखा था जिसके बाद रिपोर्ट तैयार की गई है.

(साभार न्यूज18)